मनीषा शर्मा। राजस्थान के स्कूलों में पढ़ाई जा रही किताबों में विवादित तथ्यों को लेकर विवाद बढ़ने के बाद राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर राज्य के स्कूल पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए एक 10 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गोधरा कांड के तथ्यों पर विवाद बना कारण
स्कूलों में गोधरा कांड से संबंधित पाठ और अन्य विवादित विषयों को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आपत्ति जताई थी। मंत्री का कहना है कि पाठ्यक्रम में कुछ विषय और प्रसंग गलत तरीके से प्रस्तुत किए गए हैं। इसको राष्ट्रीय भावना से प्रेरित और परिपूर्ण करने के लिए समीक्षा जरूरी है।
सोडाणी समिति का गठन
शिक्षा विभाग ने प्रोफेसर कैलाश सोडाणी, कुलपति, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा को इस समीक्षा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। समिति में शामिल अन्य प्रमुख सदस्य हैं:
- हनुमान सिंह राठौड़ (उपाध्यक्ष)
- डी. रामाकृष्ण राव (सलाहकार)
- सतीश कुमार गुप्ता (सदस्य सचिव)
- पूर्व कुलपति प्रोफेसर प्रमेंद्र कुमार दशोरा
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर भारत राम कुमार
- शिक्षाविद श्याम सुंदर बिस्सा, जयंतीलाल खंडेलवाल, और कन्हैया लाल बेरीवाल
समीक्षा प्रक्रिया और रिपोर्टिंग
यह समिति राजस्थान के स्कूल पाठ्यक्रम का गहराई से अध्ययन करेगी। समिति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राज्य पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार विषय सामग्री, रेखाचित्र, छायाचित्र और व्याख्या का विश्लेषण करेगी।
रिपोर्ट तैयार कर इसे राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उदयपुर को सौंपी जाएगी। वहां से इसे अंतिम रूप देकर शिक्षा मंत्री को प्रस्तुत किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का पालन
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई समिति पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों के अनुरूप सुधारने के लिए काम करेगी। पाठ्यक्रम में किसी भी प्रकार की अशुद्ध या विवादित सामग्री को हटाकर इसे अधिक समावेशी और राष्ट्रीय दृष्टिकोण से प्रेरित बनाया जाएगा।
पाठ्यक्रम समीक्षा का महत्व
राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और विवाद रहित बनाने की दिशा में उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूली शिक्षा को सुधारने और विवादित विषयों को हटाने से छात्रों को अधिक प्रासंगिक और स्पष्ट शिक्षा प्राप्त होगी।
समिति का समयसीमा
समिति को अगले 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार पाठ्यक्रम में संशोधन का निर्णय लेगी।