मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा में एप्रोप्रिएशन बिल पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने IIFA अवॉर्ड्स के आयोजन पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए, लेकिन खाटूश्यामजी और गोविंददेवजी मंदिरों के लिए यह फंड जारी नहीं किया। टीकाराम जूली ने कहा कि IIFA के लिए सरकार की प्राथमिकता इतनी ज्यादा थी कि उसकी फाइल बुलेट ट्रेन की स्पीड से चलाई गई, लेकिन धार्मिक स्थलों की उपेक्षा की गई।
IIFA में सेकेंड ग्रेड कलाकारों का जमावड़ा
टीकाराम जूली ने IIFA अवॉर्ड्स में शामिल हुए कलाकारों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में कोई भी फर्स्ट ग्रेड एक्टर नहीं आया, सिर्फ शाहरुख खान ही अपवाद थे। जब किसी ने माधुरी दीक्षित का नाम लिया, तो जूली ने कहा, “आजकल माधुरी भी सेकेंड ग्रेड की हीरोइन हो चुकी हैं, उनका समय चला गया।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राजस्थान का प्रमोशन हुआ या सिर्फ आयोजन का? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सात लाख रुपए के गोल्डन पास बांटे गए, जो मंत्रियों तक को नहीं मिले, तो आम जनता का तो सवाल ही नहीं उठता।
प्रयागराज कुंभ में विपक्ष को क्यों नहीं ले जाया गया?
टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार कुंभ मेले में गई, लेकिन विपक्ष को साथ नहीं ले गई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “हमने तो कहा था कि पहले आप अपने पाप धो लीजिए, हमने वैसे पाप किए ही नहीं।”
शिक्षा मंत्री पर उर्दू से नफरत का आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य के शिक्षा मंत्री पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “शिक्षा मंत्री अंग्रेजी स्कूल बंद करने में लगे हैं और उर्दू शब्दों से उन्हें इतनी चिढ़ है कि पूछिए मत।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “दिलावर शब्द की उत्पत्ति अरबी मूल के फारसी शब्द से हुई है। अब शायद इसके लिए भी कमेटी बना दी जाए!”
सोनू निगम को क्यों नहीं बुलाया गया?
टीकाराम जूली ने सवाल उठाया कि “सोनू निगम को इन्वेस्टर समिट में बुलाया गया, लेकिन IIFA में नहीं बुलाया गया?” उन्होंने कहा कि एक महीने में ऐसा क्या बदल गया कि सरकार ने उन्हें IIFA में बुलाने का फैसला बदल दिया। यह सवाल इसलिए भी उठा क्योंकि सोनू निगम ने खुद IIFA को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए थे।
हर राजस्थानी पर एक लाख रुपए का कर्ज
वित्तीय स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, टीकाराम जूली ने कहा कि “महिला वित्त मंत्री होते हुए भी सरकार ने स्मार्टफोन योजना बंद कर दी। जबकि एक रिसर्च के अनुसार, इंटरनेट उपयोग बढ़ाने से GDP भी बढ़ती है।” उन्होंने दावा किया कि राज्य की मौजूदा सरकार ने हर राजस्थानी को एक लाख रुपए के कर्ज में डाल दिया है।
सीएम हाउस के दरवाजे गरीबों के लिए बंद?
जूली ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे “मीठी बातें करने वालों से सावधान रहें।” उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री निवास के दरवाजे आम जनता और गरीबों के लिए बंद हैं, जबकि खास लोगों के लिए खुले हैं।”