शोभना शर्मा। जैसलमेर से रामदेवरा यात्रा पर निकले 150 पदयात्री इस साल भी बाबा रामदेव के दर्शन के लिए रवाना हुए हैं। रामदेवरा में इन दिनों बाबा रामदेव का 640वां मेला आयोजित हो रहा है, जिसके लिए देशभर से श्रद्धालु आ रहे हैं। हजूरी समाज रामदेवरा पदयात्री संघ, जो पिछले 24 वर्षों से लगातार यह यात्रा कर रहा है, इस बार भी लगभग 120 किमी की दूरी पैदल तय करेगा। यह संघ हर साल मेले के दौरान बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने जाता है।
पदयात्रा की शुरुआत
जय बाबा रामदेव सेवा समिति, हजूरी समाज द्वारा संचालित यह पदयात्री संघ जैसलमेर से रवाना हुआ। संघ के साथ 150 पदयात्री और 50 सेवादार भी हैं, जो यात्रियों के भोजन, पानी, बिजली, और दवा जैसी सुविधाओं का ध्यान रख रहे हैं। संघ का नेतृत्व मदन सिंह भाटी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह यात्रा हजूरी समाज सेवा सदन से शुरू हुई और चार दिन बाद रामदेवरा पहुंचेगी, जहां बाबा रामदेव की समाधि पर ध्वजा और घोड़ा चढ़ाया जाएगा।
रामदेव के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा
इस पदयात्रा में पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। मदन सिंह भाटी ने कहा कि बाबा रामदेव ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया, इसलिए उनके अनुयायी भी बिना किसी भेदभाव के यह यात्रा करते हैं। संघ में सभी जातियों और धर्मों के लोग शामिल होते हैं, जो बाबा के आदर्शों का पालन करते हैं।
यात्रा का मार्ग
पदयात्रा के दौरान यह संघ बासनपीर, चांधन, सोढाकोर, गंगाराम की ढाणी और चाचा गांव होते हुए चार दिनों में रामदेवरा पहुंचेगा। बाबा रामदेव की समाधि पर जाकर श्रद्धालु बाबा के आदर्शों का अनुसरण करते हुए घोड़ा और ध्वजा चढ़ाएंगे। यात्रा के शुभारंभ पर हजूरी समाज के गणमान्य व्यक्तियों और मौजीज लोगों ने बाबा रामदेव की ध्वजा फहराकर पदयात्रा संघ को रवाना किया।
समर्पण और सेवा की भावना
यह पदयात्रा संघ न केवल बाबा रामदेव के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, बल्कि सेवा की भावना भी इसमें झलकती है। 50 सेवादार पदयात्रियों की सेवा और सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना हो।