मनीषा शर्मा। जयपुर में एक महिला को तांत्रिक विद्या के नाम पर ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपियों ने महिला के बेटे की सेरीब्रल पाल्सी बीमारी ठीक करने का झांसा देकर 20 लाख रुपए ऐंठ लिए। जब महिला को ठगी का एहसास हुआ और उसने विरोध किया, तो तांत्रिक ने उसे तंत्र-मंत्र से भस्म करने की धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में नरेंद्र कुमार शर्मा, सुदर्शन जैन और राजेश शर्मा नामक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह ठगी जयपुर के वैशाली नगर थाना क्षेत्र में हुई।
कैसे हुआ ठगी का खुलासा?
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के अनुसार, पीड़ित महिला संतोष देवी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उनका 26 वर्षीय बेटा अशोक कुमार सेरीब्रल पाल्सी से ग्रस्त है, जिससे वह सही से चल-फिर नहीं सकता। इसी दौरान आरोपी नरेंद्र कुमार शर्मा से उनकी मुलाकात हुई। नरेंद्र ने खुद को सिद्ध तांत्रिक और चमत्कारी बताते हुए दावा किया कि वह अपने विशेष मंत्रों और तंत्र क्रियाओं से अशोक को पैरों पर खड़ा कर देगा। महिला अपने बेटे के इलाज के लिए पहले से ही परेशान थी, इसलिए वह तांत्रिक की बातों में आ गई। नरेंद्र ने पहले कुछ छोटे-छोटे अनुष्ठान करवाए, जिससे महिला का भरोसा और बढ़ गया। इसके बाद तांत्रिक ने बड़े अनुष्ठानों की बात कही और मोटी रकम की मांग करने लगा।
कैसे ऐंठे गए 20 लाख रुपए?
2022 से 2023 के बीच आरोपी ने पूजा-पाठ और तांत्रिक क्रियाओं के नाम पर महिला से 10-12 लाख रुपए कैश और ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। इसके अलावा, आरोपियों ने इसी पैसे से 2 लाख के महंगे मोबाइल फोन और एक डेल कंपनी का लैपटॉप भी खरीदा। जब महिला ने देखा कि बेटे की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा और आरोपी लगातार नई पूजा-पाठ और विधियों के नाम पर और पैसे मांग रहे हैं, तो उसे ठगी का अहसास हुआ। जब महिला ने पैसे देने से इनकार किया, तो नरेंद्र शर्मा और उसके साथियों ने उसे तांत्रिक विद्या से भस्म करने की धमकी दी।
श्मशान की राख और भैरव पूजा का झांसा
जांच अधिकारी एसीपी सदर धर्मवीर सिंह के अनुसार, नरेंद्र शर्मा खुद को तंत्र-मंत्र विद्या में माहिर बताता था और कई लाइलाज बीमारियों को जादू-टोने से ठीक करने का दावा करता था। अशोक कुमार के इलाज के नाम पर उसने श्मशान की राख डालने और भैरव पूजा करने जैसी तांत्रिक क्रियाओं का झांसा दिया। जांच में पता चला कि इस गिरोह में राजेश शर्मा, सुदर्शन जैन, दिनकर अग्रवाल और प्रेरणा अग्रवाल भी शामिल थे। इन लोगों ने ठगी की रकम को अपने खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाया था।
साबित करने के लिए पुलिस को मिले सबूत
नरेंद्र शर्मा ने पूछताछ के दौरान ठगी की रकम लेने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से इनकार कर दिया। लेकिन पीड़ित महिला के बेटे अशोक कुमार ने पुलिस को उन मोबाइल फोन और लैपटॉप के बिल दिखाए, जो आरोपियों ने खरीदे थे। पुलिस ने इन डिवाइसेज़ का IMEI नंबर ट्रेस किया, जिससे पता चला कि ये फोन राजेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा, ममता शर्मा, दिनकर अग्रवाल और प्रेरणा अग्रवाल इस्तेमाल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया। अभी इनसे रुपए और अन्य सामान की रिकवरी के लिए रिमांड पर लिया गया है।