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24 मई विश्व सिज़ोफ्रेनिया जागरूकता दिवस

24 मई विश्व सिज़ोफ्रेनिया जागरूकता दिवस

मनीषा शर्मा , अजमेर। दुनिया भर मे 24 मई का दिन विश्व सिज़ोफ्रेनिया जागरूकता दिवस( World Schizophrenia Awareness Day)के रूप मे मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organization)के अनुसार सिज़ोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है जो दुनिया भर में 21 मिलियन से ज़्यादा लोगों को प्रभावित करती है। इस दिन की मनाने का उद्देश्य इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना और मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों और अंधविश्वासों को मिटाना है।

सिज़ोफ्रेनिया के बारे में एक आम मिथक यह है कि इससे पीड़ित लोगों का व्यक्तित्व अलग होता है। हालाँकि, यह पूरी तरह से झूठ है। सिज़ोफ्रेनिया के रोगियों का व्यक्तित्व भी बाकी सभी लोगों की तरह ही एक ही होता है। सिज़ोफ्रेनिया के सामान्य लक्षणों में भ्रमित सोच, भ्रम और मतिभ्रम शामिल हैं।

‘सिज़ोफ्रेनिया’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है “दिमाग का विभाजन”। यह एक मानसिक स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों में कुछ रसायन असंतुलित हो जाते हैं। अगर ऐसा होता है तो विचारों, कार्यों और भावनाओं के बीच समन्वय की कमी हो सकती है। सिज़ोफ़्रेनिया की शुरुआत वयस्कता की शुरुआत या किशोरावस्था के आखिर में आमतौर पर 15 से 28 साल की उम्र के बीच होती है।
पुरुषों में महिलाओं की तुलना में बीमारी से पीड़ित होने का जोखिम भी ज़्यादा होता है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में बीमारी की शुरुआत कम उम्र में होती है।  राष्ट्रीय सिज़ोफ्रेनिया फाउंडेशन ने फ्रांस के डॉ. फिलिप पिनेल के सम्मान में 24 मई को विश्व सिज़ोफ्रेनिया दिवस के रूप में घोषित किया, जो मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए मानवीय देखभाल और उपचार प्रदान करने के शुरुआती प्रयासों में एक प्रमुख व्यक्ति थे।

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