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7वें राज्य वित्त आयोग को मंजूरी: राजस्थान का विकास रोडमैप

7वें राज्य वित्त आयोग को मंजूरी: राजस्थान का विकास रोडमैप

मनीषा शर्मा।  राजस्थान में हाल ही में संपन्न उपचुनाव के बाद राज्य सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनमें धर्मांतरण विरोधी कानून, आरएसी कॉन्स्टेबल भर्ती के नियमों में संशोधन, और भरतपुर व बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव शामिल हैं। यह बैठक न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम रही।

धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी

राजस्थान कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण विरोधी कानून को मंजूरी दी गई। यह कानून जबरन, लालच, या डराने-धमकाने के माध्यम से धर्म परिवर्तन को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है। इस बिल को आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा।

बिल के मुख्य प्रावधान:

  • अगर कोई व्यक्ति जबरन धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे 1 से 5 साल तक की सजा होगी।
  • नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान है।
  • अगर कोई बार-बार या समूह में धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
  • धर्म परिवर्तन करने से पहले, व्यक्ति को 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देनी होगी।

इस बिल में “लव जिहाद” को भी परिभाषित किया गया है। अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से शादी करता है, तो इसे “लव जिहाद” माना जाएगा। ऐसे मामलों में शादी को रद्द करने का प्रावधान किया गया है।

आरएसी कॉन्स्टेबल भर्ती में बदलाव

कैबिनेट बैठक में राजस्थान सशस्त्र पुलिस (RAC) और मेवाड़ भील कोर में कांस्टेबल भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता में बदलाव किया गया। अब 12वीं पास उम्मीदवार ही इन पदों के लिए पात्र होंगे। पहले यह योग्यता 10वीं पास थी। यह बदलाव राज्य पुलिस भर्ती प्रक्रिया को एकरूपता प्रदान करेगा, क्योंकि राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल पद के लिए पहले से ही 12वीं पास योग्यता आवश्यक है।

भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों का गठन

बैठक में भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

  • भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाए जाएंगे।
  • इन प्राधिकरणों का मुख्य उद्देश्य इन शहरों में व्यवस्थित और संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।

सातवां राज्य वित्त आयोग

कैबिनेट ने सातवें राज्य वित्त आयोग के गठन को भी मंजूरी दी। यह आयोग 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक कार्य करेगा। इसका उद्देश्य राज्य के संसाधनों का समान वितरण और विकासशील योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।

राजस्थान के विकास का रोडमैप

कैबिनेट बैठक में कई अन्य योजनाओं और नीतियों को भी मंजूरी दी गई। इनमें शामिल हैं:

  • पेयजल आपूर्ति को मजबूत बनाना: राजस्थान में पानी की कमी को देखते हुए नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। इन योजनाओं में जल स्रोतों का पुनर्जीवन, जल भंडारण क्षमता बढ़ाना, और पानी के वितरण को अधिक प्रभावी बनाना शामिल है।
  • पर्यावरण हितैषी उपाय: यातायात को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए 50 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।

धर्मांतरण विरोधी कानून पर चर्चा

राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक संरचना को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। हालांकि, इसके प्रावधानों पर समाज के विभिन्न वर्गों में मतभेद हैं।

लव जिहाद और विवाह रद्द करने का प्रावधान:
अगर यह साबित होता है कि शादी केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की गई थी, तो ऐसी शादी को रद्द करने का अधिकार फैमिली कोर्ट को होगा। यह प्रावधान लव जिहाद के मामलों को नियंत्रित करने के लिए लाया गया है। यह कानून धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से एक संवेदनशील विषय है। इसके समर्थकों का कहना है कि यह कानून जबरन धर्म परिवर्तन रोकने में मदद करेगा, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाला हो सकता है।

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