मनीषा शर्मा। अजमेर रेंज में पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियान में जबरदस्त कार्रवाई की गई है। इस अभियान के तहत न सिर्फ चोरी और गुम हुए मोबाइलों को बरामद किया गया, बल्कि साइबर अपराध में लिप्त संदिग्धों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं। कुल मिलाकर 842 मोबाइल बरामद किए गए हैं, जिनकी अनुमानित कुल कीमत लगभग 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि पुलिस के जुटे प्रयास और तकनीकी साधनों के सही उपयोग का परिणाम है, जिसने साइबर अपराध से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अजमेर जिले में इस अभियान के दौरान सबसे अधिक संख्या में मोबाइल बरामद किए गए हैं। जिले से कुल 208 मोबाइल बरामद करने में पुलिस की टीम सफल रही है। मंगलवार को रेंज डीआईजी ओमप्रकाश और अजमेर एसपी वंदिता राणा ने पीड़ितों को बरामद किए गए मोबाइल सुपुर्द किए। इस समारोह में एडिशनल एसपी विजय सांखला, हिमांशु जांगिड़, दीपक शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने इस अभियान की गंभीरता और प्रशासनिक दृढ़ता को रेखांकित किया।
डीआईजी ओमप्रकाश ने बताया कि यह अभियान पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम के साथ-साथ चोरी और गुम हुए मोबाइलों की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए यह कदम उठाया गया। अभियान के दौरान विभिन्न राज्यों में जाकर मोबाइल बरामद किए गए, जिससे यह साबित होता है कि पुलिस ने सीमा पार जाकर भी अपराधियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोबाइल बरामद करने के साथ ही साइबर अपराध में शामिल मोबाइल और सिम कार्ड पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है। इस दिशा में करीब 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, और 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
इसके अतिरिक्त, पुलिस ने फर्जी एटीएम के अवैध उपयोग से निपटने के लिए भी सख्त कदम उठाए हैं। फर्जी एटीएम उपयोग के मामले में कुल 41 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जो इस बात का संकेत है कि अपराध के हर पहलू को कवर करने के लिए प्रशासन सक्रिय है। पुलिस का मानना है कि यदि इस प्रकार के अभियानों को समय रहते रोका जाए, तो भविष्य में साइबर अपराधों में कमी आएगी और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए भी पुलिस ने अभियान चलाया। रेंज कार्यालय के एडिशनल एसपी विजय सांखला ने बताया कि मुख्यालय के निर्देशानुसार इस अभियान में 130 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और लगभग 157 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह कदम न केवल मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकने में सहायक सिद्ध हो रहा है, बल्कि इससे नशे के दुष्परिणामों से भी लोगों को बचाया जा रहा है। इस प्रकार, पुलिस ने साइबर अपराध, फर्जी एटीएम, और अवैध मादक पदार्थों के मामले में एक व्यापक अभियान चलाते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
इस पूरे अभियान में पुलिस ने जिस पारदर्शिता और तत्परता का परिचय दिया है, उससे आम जनता में विश्वास की एक नई लहर दौड़ गई है। गंज निवासी सिद्धि का उदाहरण इस बात को प्रमाणित करता है कि कैसे पुलिस ने पीड़ितों के साथ वादा निभाया। सिद्धि ने बताया कि 7 महीने पहले उनके घर के बाहर से उनका मोबाइल चोरी हो गया था। उन्होंने गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और कभी उम्मीद नहीं की थी कि उनका कीमती मोबाइल, जिसे उन्होंने अपनी पहली सैलरी से खरीदा था, वापस मिल जाएगा। जब उन्हें मोबाइल सुपुर्द किया गया, तो वे अपनी खुशी और राहत का वर्णन करते हुए कहने लगीं कि उनके लिए यह मोबाइल बेहद महत्वपूर्ण था। पुलिस की तत्परता और सहयोग ने उन्हें इस कठिन समय में सहारा दिया। उनके अनुसार, पुलिस ने न केवल फोन बरामद किया, बल्कि उन्हें विश्वास दिलाया कि अपराध पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिद्धि की इस भावनात्मक प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस की इस पहल से न केवल संपत्ति की हानि को रोका गया, बल्कि पीड़ितों का विश्वास भी बहाल हुआ।