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‘अजमेर 92’ फिल्म निर्माताओं को नुज़हत समीर बोघानी ने कानूनी नोटिस भेजा

‘अजमेर 92’ फिल्म निर्माताओं को नुज़हत समीर बोघानी ने कानूनी नोटिस भेजा

अजमेर | 1992 के अजमेर रेप केस पर आधारित फिल्म पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म पर अजमेर से शुरू हुआ जुबानी विवाद अब क़ानूनी नोटिस तक पहुंच गया है। 13 जून को मदारिया सूफी फाउंडेशन के नुजहत समीर बोघानी ने फिल्म ‘अजमेर 92’ के निर्माताओं को एक कानूनी नोटिस भेजा है। ये नोटिस रिलायंस एंटरटेनमेंट, यू एंड के फिल्म्स एंटरटेनमेंट, लिटिल क्रू प्रोडक्शंस, प्राइम फोकस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, स्टारबज एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड और एडहब मीडिया को भेजा गया है।

मदारिया सूफी फाउंडेशन के नुजहत समीर बोघानी द्वारा 13 जून को भेजे नोटिस में आरोप लगाया गया है कि फिल्म के पोस्टर में आपत्तिजनक, भ्रामक, गलत, अस्पष्ट और भ्रामक जानकारी है। जिसके चलते कई मिडिया, वेब पोर्टल और सोशल मिडिया में भ्रामक जानकारियां और ख़बरें प्रकाशित की जा रही है। नोटिस में निम्नलिखित 4 पंक्तियों पर ख़ास तौर पर प्रकाश डाला गया है।

1. 250 कॉलेज गर्ल्स हुई शिकार, बटने लगी न्यूड फोटो।
2. 28 परिवार रातों रात हुए लापता।
3. आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है ओर उसके पीछे शहर के बड़े लोगों का हाथ है।
4. एक के बाद एक सुसाइड से उठा पर्दा।

नोटिस में समीर बोघानी ने सफाई देते हुए कहा है कि पोस्टरों में पीड़ितों की संख्या को 250 पीड़ितों के रूप में गलत तरीके से पेश किया गया है। गलत नंबर मीडिया चैनलों, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी दिखाए जा रहे है। इसके अलावा, नोटिस में सफाई देते हुए कहा गया है कि कथित घटनाएं अजमेर शरीफ दरगाह के आसपास कहीं नहीं बल्कि शहर के बाहरी इलाके में हुई।

नोटिस में यह भी सफाई दी गई है कि घटनाओं में शामिल आरोपी और दोषी केवल एक समुदाय के नहीं बल्कि अलग-अलग समुदायों के थे और पीड़ित भी अलग-अलग समुदायों के थे। साथ ही 28 परिवारों के रातों-रात गायब होने का भी कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।

इसके साथ ही मदारिया सूफी फाउंडेशन के नुजहत समीर बोघानी ने नोटिस में मांग की है कि फिल्म के निर्माता वास्तविक तथ्यों और विवरण को कालानुक्रमिक क्रम में प्रस्तुत करें ओर उक्त फिल्म में सही चित्रांकन करें न कि स्व- आविष्कृत स्क्रिप्ट, अनुमानों पर आधारित विचार और पुरानी अखबारों की रिपोर्ट में मिली अविश्वसनीय जानकारी फिल्म में दिखाए। फिल्म निर्माताओं को भेजे नोटिस द्वारा ये भी आरोप लगाए गए है कि फिल्म निर्माताओं ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अवांछित सनसनी पैदा करने के एकमात्र इरादे से पोस्टर को लॉन्च किया है।

मदारिया सूफी फाउंडेशन के नुजहत समीर बोघानी ने नोटिस के जरिये ये मांग की है कि फिल्म निर्माता दरगाह अजमेर शरीफ के गुंबद के सभी फ्रेम, दृश्य, चित्र, पवित्र प्रतीकों, दरगाह परिसर, मस्जिद, दरगाह के अनुष्ठान, जानकारी, संवाद को हटा दें। इसके साथ ही नोटिस में मांग की गई है कि यदि उक्त फिल्म में चिश्ती सूफ़ी भाईचारे के खिलाफ कोई अपमानजनक सामग्री शामिल है तो इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर हटाया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि ‘अजमेर 92’ फिल्म का निर्देशन पुष्पेंद्र सिंह कर रहे हैं, जबकि उमेश कुमार तिवारी निर्माता हैं और रिलायंस एंटरटेनमेंट, यूएंडके फिल्म्स एंटरटेनमेंट, सुमित मोशन पिक्चर्स और लिटिल क्रू पिक्चर्स के साथ मिलकर फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। यह फिल्म इसी साल 14 जुलाई 2023 को रिलीज होने वाली है।

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