मनोरंजन

महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं तमन्ना भाटिया

महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं तमन्ना भाटिया
मुंबई : अवंतिका से आइकोनिक वीमेन-सेंट्रिक रोल्स तक, तमन्ना भाटिया की यात्रा ने भारतीय सिनेमा को फिर से परिभाषित किया है। तमन्ना भाटिया की भूमिकाओं की पसन्द ने इंडियन सिनेमा में महिलाओं की कहानी को आकार दिया है।
पैन इंडिया स्टार तमन्ना भाटिया की “बाहुबली: द बिगिनिंग” में कुशल योद्धा अवंतिका की भूमिका ने भारतीय सिनेमा में उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। इससे वीमेन  ओरिएंटेड जॉनर की ओर बदलाव आया। एक महिला योद्धा के उनके किरदार ने न सिर्फ दर्शकों को एंटरटेन किया बल्कि मेनस्ट्रीम सिनेमा में महिला किरदारों को सशक्त बनाने की एक मिसाल भी कायम की। अवंतिका के जरिये, जी करदा एक्ट्रेस ने ताकत और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। एक्ट्रेस ने ट्रेडिशनल जेंडर स्टीरियोटाइप को चुनौती दी और अधिक विविध कहानियों के लिए मार्ग खोल।
अपनी डिजिटल फिल्म ‘बबली बाउंसर’ से उन्होंने महिलाओं के बाउंसर होने की धारणा को तोड़ दिया। तमिल वेब सीरीज़ ‘नवंबर स्टोरीज़’ के साथ ओटीटी पर डेब्यू करते हुए, तमन्ना ने पहले कभी नहीं देखी गई फीमेल करैक्टर सेंट्रिक जॉनर में कदम रखा। उनकी अगली वेब सीरीज़ “जी करदा” में उन्होंने लावण्या का किरदार निभाया और बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
“आखिरी सच” में इंस्पेक्टर आन्या स्वरूप और “लस्ट स्टोरीज़ 2” में शांति के रूप में तमन्ना की एक्टिंग ने एक एक्टर के रूप में जटिल किरदारों को निभाया। इतना ही नहीं खुद को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकाला। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन से परे है। वह बिज़नेस में महिलाओं के लिए सशक्तिकरण और प्रतिनिधित्व का प्रतीक बन गई हैं, जो उनकी पैन इंडिया पॉपुलैरिटी को बढ़ाता है।
‘अवंतिका’ से ‘जी करदा’, ‘लस्ट स्टोरीज़ 2’ और ‘आखिरी सच’ में अपने लेटेस्ट रोल्स तक तमन्ना भाटिया इंडियन सिनेमा के लैंडस्केप को नया आकार देने की उनकी प्रतिबद्धता का उदाहरण देती है। वर्कफ्रंट पर, तमन्ना निखिल आडवाणी द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म ‘वेदा’ में जॉन अब्राहम के साथ और पोंगल 2024 में रिलीज के लिए तैयार तमिल फिल्म अरनमनई 4 में नजर आएंगी

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading