भारत की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में बूम आया है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन गया है।
यह उपलब्धि निम्नलिखित कारकों के कारण संभव हुई है:
- सरकारी पहल: “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” जैसी सरकारी पहलों ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा दिया है।
- विदेशी निवेश: विदेशी कंपनियों ने भारत में मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन में भारी निवेश किया है।
- कम श्रम लागत: भारत में श्रम लागत चीन की तुलना में कम है, जो इसे मोबाइल फोन उत्पादन के लिए एक आकर्षक स्थान बनाता है।
- बढ़ती मांग: भारत में स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
भारत के लिए यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- यह रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा: इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग भारत में लाखों लोगों को रोजगार देता है।
- यह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा: इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- यह भारत को एक तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करेगा: इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में भारत की बढ़ती हिस्सेदारी इसे एक तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
यह उम्मीद की जाती है कि भारत आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
- भारत ने 2023 में 2.45 अरब मोबाइल फोन का उत्पादन किया, जो चीन के बाद दुनिया में सबसे अधिक है।
- भारत में मोबाइल फोन का उत्पादन 2014 में 58 करोड़ से बढ़कर 2023 में 2.45 अरब हो गया है।
- भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग 2025 तक 600 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।