शोभना शर्मा। सोने का भारत में धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व है। खासकर दिवाली और पुष्य नक्षत्र जैसे शुभ अवसरों पर सोने की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है। यह न सिर्फ एक धातु है बल्कि एक मजबूत निवेश विकल्प भी है। बीते 5 वर्षों में सोने ने 55% तक का रिटर्न दिया है, जो इसे एक आकर्षक निवेश बनाता है। इस लेख में हम आपको सोने में निवेश के 4 प्रमुख तरीकों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप अपनी संपत्ति को सुरक्षित और स्थिर बना सकते हैं।
1. फिजिकल गोल्ड: पारंपरिक तरीका
फिजिकल गोल्ड यानी सोने के बिस्किट, सिक्के या ज्वेलरी खरीदना सबसे पारंपरिक तरीका है। हालांकि, ज्वेलरी को निवेश का सही विकल्प नहीं माना जाता क्योंकि इसमें मेकिंग चार्ज और GST जैसी लागतें शामिल होती हैं। इसके अलावा ज्वेलरी आमतौर पर 24 कैरेट नहीं होती, जिससे उसकी शुद्धता कम हो जाती है। लेकिन अगर आप सोने के बिस्किट या सिक्के खरीदते हैं, तो यह अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।
क्या ध्यान रखें?
- सर्टिफाइड गोल्ड (BIS हॉलमार्क) ही खरीदें।
- कीमत की पुष्टि और वजन की जांच कई सोर्सेज से करें।
- कैश पेमेंट से बचें, डिजिटल पेमेंट करें और बिल जरूर लें।
- रीसेलिंग पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: ब्याज के साथ सुरक्षा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारत सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं, जिनका मूल्य सोने के वजन के हिसाब से होता है। इसमें 2.50% सालाना ब्याज मिलता है, जो इसे निवेश के अन्य विकल्पों से बेहतर बनाता है। यह एक सुरक्षित और भरोसेमंद तरीका है, जिसमें आप सोने की कीमतें बढ़ने का फायदा उठा सकते हैं और ब्याज भी कमा सकते हैं।
कैसे खरीदें?
- गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।
- इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से खरीदा जा सकता है।
- बॉन्ड की अवधि 8 साल होती है, जिसमें 5 साल के बाद आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है।
3. गोल्ड ETF: स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग का फायदा
गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) वह तरीका है जिसमें आप सोने को शेयर की तरह खरीद और बेच सकते हैं। यह स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध होता है और इसकी कीमतें स्पॉट गोल्ड पर आधारित होती हैं। इसे खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, और इसमें आपको वास्तविक सोने के करीब कीमत पर निवेश करने का मौका मिलता है।
क्यों फायदेमंद?
- गोल्ड ETF में निवेश का मुख्य फायदा यह है कि आपको भौतिक रूप से सोना नहीं रखना पड़ता।
- स्टॉक एक्सचेंज के जरिए खरीद और बेच सकते हैं, जिससे इसका लिक्विडिटी फैक्टर बढ़ जाता है।
4. डिजिटल गोल्ड: छोटे निवेश का बड़ा फायदा
डिजिटल गोल्ड नए जमाने का विकल्प है, जहां आप 1 रुपए से भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको अमेजन-पे, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और अन्य पेमेंट ऐप्स पर मिल जाती है। इस तरीके से आप अपने स्मार्टफोन के जरिए कहीं भी और कभी भी सोने में निवेश कर सकते हैं।
कैसे करें निवेश?
- आप अपनी सुविधानुसार छोटे या बड़े अमाउंट में सोने की खरीदारी कर सकते हैं।
- यह सोना आपके नाम पर डिजिटल रूप में रखा जाता है, और आप इसे किसी भी समय बेच सकते हैं।
सोना खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- सर्टिफाइड गोल्ड खरीदें: हमेशा BIS हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही लें।
- कीमत की पुष्टि करें: सोने का भाव क्रॉस-चेक करना न भूलें।
- बिल जरूर लें: डिजिटल पेमेंट और ट्रांजेक्शन के लिए बिल लेना जरूरी है।
- रीसेल पॉलिसी को समझें: सोने की रीसेल वैल्यू और ज्वेलर की बायबैक पॉलिसी की जानकारी लें।
सोने में सीमित निवेश क्यों है जरूरी?
HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी हेड अनुज गुप्ता के अनुसार, सोने में 10-15% निवेश आपके पोर्टफोलियो में स्थिरता लाने के लिए उपयुक्त होता है। इसे संकट के समय में एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन लंबी अवधि में अन्य निवेशों के मुकाबले इसका रिटर्न सीमित हो सकता है।
भारत में सोने की खपत
भारत में हर साल करीब 700-800 टन सोने की खपत होती है, जिसमें से अधिकतर आयात किया जाता है। भारतीय घरों में सोने का महत्व बहुत अधिक है, और यह सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक भी माना जाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2019 में भारतीय घरों में 25,000 टन से ज्यादा सोना मौजूद था।
दिवाली और पुष्य नक्षत्र के समय सोने में निवेश का महत्व बढ़ जाता है। अगर आप अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता और सुरक्षा चाहते हैं, तो सोने में निवेश आपके लिए सही हो सकता है। चाहे आप फिजिकल गोल्ड में निवेश करें, या गोल्ड बॉन्ड, ETF, या डिजिटल गोल्ड के जरिए निवेश करें, यह महत्वपूर्ण है कि आप सही जानकारी के साथ निवेश करें और बाजार के रुझानों को समझें।