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चित्तौड़गढ़ में सरपंच और वीडीओ रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़ में सरपंच और वीडीओ रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

शोभना शर्मा।   राजस्थान में भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी अपने गलत कामों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला चित्तौड़गढ़ जिले का है, जहां सहनवा ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के बाद भी सरपंच भेरू लाल सुथार के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। उल्टा, वह ठहाके लगाते हुए नजर आए, जो पूरे प्रकरण को और अधिक चौंकाने वाला बनाता है। वहीं, वीडीओ दीपक चतुर्वेदी पर गिरफ्तारी के बाद तनाव साफ झलक रहा था, क्योंकि वह एक सरकारी अधिकारी हैं और उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।

रिश्वत की कहानी: ठेकेदार से मांगी थी 5% कमीशन

यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक ठेकेदार ने एसीबी को शिकायत दी। सहनवा ग्राम पंचायत में स्कूल के दो कमरों और एक बरामदे के निर्माण के लिए ठेकेदार को 22 लाख रुपये का ठेका मिला था। काम पूरा होने के बाद ठेकेदार को पहली किश्त के रूप में 7.65 लाख रुपये का भुगतान होना था।

लेकिन यह भुगतान सरपंच और वीडीओ की स्वीकृति के बिना नहीं हो सकता था। सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी ने ठेकेदार से 5% कमीशन की मांग की। दोनों ने रिश्वत की रकम तय करने के बाद ही ओटीपी साझा किया, जिससे भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो सकी।

एसीबी ने ऐसे बिछाया जाल

ठेकेदार ने रिश्वत की मांग को लेकर एसीबी को शिकायत दर्ज करवाई। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद गुरुवार (9 जनवरी) को ट्रैप की योजना बनाई। सरपंच भेरू लाल सुथार को 70 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया। इसमें से 35 हजार रुपये वीडीओ दीपक चतुर्वेदी के हिस्से के थे। सरपंच को रिश्वत लेते हुए पंचायत भवन में पकड़ा गया, जबकि वीडीओ को पंचायत समिति के गेट पर गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के बाद जांच

एसीबी की टीम ने सरपंच और वीडीओ को गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। उनसे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस भ्रष्टाचार में अन्य लोग भी शामिल हैं। एसीबी उनकी संपत्तियों और अन्य लेन-देन की जांच भी करेगी।

गिरफ्तारियों पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं

सरपंच भेरू लाल सुथार गिरफ्तारी के बाद बिल्कुल भी चिंतित नजर नहीं आए। वह ठहाके लगाते हुए दिखे, जो उनके रवैये को सवालों के घेरे में लाता है। दूसरी ओर, वीडीओ दीपक चतुर्वेदी पर गिरफ्तारी का तनाव साफ नजर आया। चूंकि वह सरकारी कर्मचारी हैं, उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम

राजस्थान में यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को और अधिक प्रासंगिक बनाती है। एसीबी की यह कार्रवाई उन अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है जो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जनता को लूटते हैं। अब देखना यह है कि इस मामले में और कौन-कौन से खुलासे होते हैं।

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