मनीषा शर्मा । राजधानी जयपुर में 3 से 5 मार्च तक एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समिट का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दुनियाभर के 450 से अधिक एक्सपर्ट हिस्सा लेंगे। इस समिट का मुख्य उद्देश्य कचरे के रिसाइकिलिंग प्रक्रिया पर चर्चा करना और विभिन्न तकनीकों का मंथन करना है। इस दौरान, नगर निगम हेरिटेज द्वारा किए गए कचरा संग्रहण और निस्तारण की प्रक्रिया को भी समझा जाएगा।
समिट की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने गुरुवार को लंगड़ियावास स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उनके साथ डीएलबी के मुख्य अभियंता प्रदीप गर्ग भी मौजूद थे। उन्होंने नगर निगम हेरिटेज द्वारा संचालित विभिन्न प्लांटों का अवलोकन किया, जिसमें आरडीएफ प्लांट और सीएनडी प्लांट शामिल हैं। इसके अलावा, मथुरादासपुरा स्थित डंपिंग यार्ड में लीगेसी वेस्ट का बायो रिमेडिएशन प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया गया।
प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने निरीक्षण के दौरान हेरिटेज निगम कमिश्नर अरूण हसीजा से सभी प्लांटों की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित होने वाली एशिया पेसिफिक उच्चस्तरीय 12वीं क्षेत्रीय RRR और सर्कुलर अर्थव्यवस्था फोरम जयपुर में आयोजित की जाएगी। इस फोरम में कचरे के निस्तारण और रिसाइकिलिंग के विषय पर चर्चा की जाएगी।
कमिश्नर अरूण हसीजा ने बताया कि जयपुर के RIC सेंटर में आयोजित होने वाली इस वर्कशॉप में दुनियाभर से आए प्रतिनिधि हेरिटेज निगम के प्लांटों का दौरा करेंगे। यह वर्कशॉप जयपुर में पहली बार आयोजित हो रही है, और इसमें कचरे के निस्तारण और रिसाइकिलिंग प्रक्रिया पर गहन चर्चा की जाएगी।
लांगडियावास वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट की क्षमता के बारे में जानकारी देते हुए कमिश्नर ने बताया कि इस प्लांट में प्रतिदिन 700 टन कचरे का रिसाइकिलिंग किया जाएगा, जिससे 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और ट्रायल फेस पर नगर निगम से प्रतिदिन कचरा लेना शुरू कर दिया गया है।
इसके साथ ही, लांगडियावास में कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन प्लांट का निर्माण भी पूरा हो चुका है, जिसमें प्रतिदिन 300 टन कचरे का रिसाइकिलिंग किया जाएगा। इस प्लांट में मकानों और अन्य भवन निर्माण से उत्पन्न होने वाले सीएनडी वेस्ट का रिसाइकिल कर टाइल्स और ईंट बनाई जा रही है।
इसके अलावा, एमआरएफ प्लांट में सूखे कचरे का संग्रहण कर 300 टन कचरे से एमआरएफ फेसिलिटी का निर्माण प्रगति पर है। इसका पूरा निर्माण फरवरी महीने में कर लिया जाएगा। इस प्लांट में होटल और रेस्टोरेंट से सूखा कचरा लिया जाएगा, जिसमें यूजर चार्ज का 50 प्रतिशत हिस्सा नगर निगम हेरिटेज को दिया जाएगा। मथुरादासपुरा डम्पसाइट पर लिगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए बायोरेमेडेशन या बायोमाईनिंग कार्य किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के पहले फेज में लगभग 90 प्रतिशत लिगेसी वेस्ट का निस्तारण किया जा चुका है।