शोभना शर्मा। राज्य सरकार ने भारी वाहनों के टैक्स का नगद भुगतान पूरी तरह से बंद कर दिया है। अब टैक्स जमा करने के लिए केवल ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करना होगा। टैक्स भुगतान की अंतिम तिथि 15 मार्च तय की गई है, इसके बाद टैक्स न भरने वाले वाहन मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मार्च में जमा होता है भारी वाहनों का वार्षिक कर
हर साल भारी वाहनों का वार्षिक अग्रिम कर मार्च महीने में जमा किया जाता है। पिछले वर्षों में वाहन मालिकों को नगद भुगतान की सुविधा थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में बदल दिया गया है।
प्रादेशिक परिवहन एवं सड़क सुरक्षा अधिकारी सुमन भाटी ने जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2024 से राज्य सरकार द्वारा नगद भुगतान की सुविधा समाप्त कर दी गई थी। अब परिवहन कार्यालय की सभी फीस और कर केवल ऑनलाइन माध्यम से ही जमा किए जा सकते हैं।
अब नहीं मिलेगी नगद भुगतान की छूट
पहले वाहन स्वामी कैश काउंटर पर नगद भुगतान कर सकते थे, लेकिन अब यह सुविधा पूरी तरह से खत्म कर दी गई है।
इस साल मार्च में सरकार द्वारा नगद कर जमा करने की कोई छूट नहीं दी जाएगी।
वाहन मालिकों को केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही भुगतान करना होगा।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च निर्धारित की गई है।
15 मार्च के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
अगर कोई वाहन मालिक 15 मार्च तक टैक्स जमा नहीं करता है, तो 16 मार्च से परिवहन विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
रात 12 बजे के बाद से उड़नदस्ते (मोबाइल टीमें) कार्रवाई शुरू करेंगी।
बिना टैक्स वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।
जुर्माना भरने के बाद ही वाहन छोड़ा जाएगा।
24 घंटे की मॉनिटरिंग के तहत पूरे महीने कार्रवाई जारी रहेगी।
टैक्स जमा न करने पर होगी आर्थिक हानि
अगर कोई वाहन स्वामी समय पर कर जमा नहीं करता, तो उसे बकाया कर के साथ पैनल्टी और चालान का जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा।
वाहन जब्त रहने से आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
कैसे करें ऑनलाइन टैक्स भुगतान?
परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
अपना वाहन नंबर और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज करें।
ऑनलाइन भुगतान विकल्प चुनें और ट्रांजैक्शन पूरा करें।
पेमेंट की रसीद डाउनलोड करके सुरक्षित रखें।
समय पर टैक्स भरें, परेशानी से बचें
परिवहन विभाग ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि वे 15 मार्च से पहले ही टैक्स जमा कर दें ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।