शोभना शर्मा। गुर्जर समाज की ओर से हर साल धूमधाम से मनाई जाने वाली देवनारायण जयंती इस बार भी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। मंगलवार को समाज के लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर भव्य शोभायात्रा निकाली। यह यात्रा ऊबरा का देवरा से वैशाली नगर स्थित देवनारायण मंदिर तक निकाली गई, जिसमें समाज के 8 क्षेत्रों से आने वाली झांकियां आकर्षण का केंद्र बनीं।
यात्रा में समाज के संतों और श्रद्धालुओं का विशेष सानिध्य रहा। आयोजन समिति के प्रवक्ता भगवान सिंह गुर्जर ने बताया कि समाज के युवा और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुए और पैदल यात्रा में भाग लिया। शोभायात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।
देवनारायण भगवान को खीर का भोग
गुर्जर समाज के उन परिवारों के लिए यह अवसर खास होता है, जो गोपालन करते हैं। जयंती पर छठ या सप्तमी के दिन ये परिवार दूध नहीं बेचते, बल्कि इसे खीर बनाने के लिए उपयोग करते हैं। इस खीर को विशेष रूप से भगवान देवनारायण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है और फिर समाज के लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। यह परंपरा समाज की धार्मिक आस्था और सामूहिक एकता का प्रतीक है।
शोभायात्रा में शामिल आकर्षक झांकियां
इस भव्य शोभायात्रा में गुर्जर समाज के 8 विभिन्न क्षेत्रों से आई झांकियां शामिल हुईं, जिनमें से कुछ प्रमुख झांकियां निम्नलिखित थीं—
देवनारायण भगवान की झांकी – वैशाली नगर, माकड़ वाली, चाचीयावसा, पदमपुरा
काला गोरा भैरूजी की ज्योत – बालूपुरा
साडू माता की झांकी – नारेली
देव दरबार की झांकी – पहाड़गंज
शिव परिवार की झांकी – गढ़ी मालियान जॉन्सगंज, विज्ञान नगर
24 बगड़ावत झांकी – जवाहर नाड़ी, गुर्जरवास धड़ा
भजन मंडली – बाला भैरव मंदिर, माकड़वाली
सवाई भोज की झांकी – वास
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
देवनारायण जयंती पर निकाली गई यह शोभायात्रा गुर्जर समाज की धार्मिक आस्था और परंपरा को दर्शाती है। इस आयोजन के माध्यम से समाज के लोगों ने अपनी संस्कृति, एकता और धार्मिक विश्वास को अभिव्यक्त किया। शोभायात्रा में भजन मंडली के कलाकारों ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया, जिससे यात्रा का माहौल भक्तिमय बन गया।