मनीषा शर्मा, अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के शुभ अवसर पर पाकिस्तानी जायरीन का एक विशेष जत्था मंगलवार सुबह अजमेर पहुंचेगा। लगभग 100 जायरीन स्पेशल ट्रेन से यहां आ रहे हैं। इन जायरीनों के ठहरने और सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। अजमेर पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने सेंट्रल गर्ल्स स्कूल का निरीक्षण किया, जहां जायरीनों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
अजमेर एसपी ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष निर्देश दिए। उन्होंने जायरीनों की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था बनाने पर जोर दिया, ताकि यह धार्मिक आयोजन शांति और सहजता के साथ संपन्न हो सके। पुलिस प्रशासन ने हर स्तर पर सतर्कता बरती है और इलाके में विशेष सुरक्षा टीमों की तैनाती की गई है।
ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स हर साल दुनियाभर से लाखों जायरीनों को आकर्षित करता है। इस आयोजन में पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था विशेष महत्व रखता है। इस बार पाकिस्तानी प्रतिनिधि उर्स के दौरान दरगाह शरीफ में अपनी सरकार की ओर से चादर पेश करेंगे।
अजमेर के स्थानीय प्रशासन ने जायरीनों के आगमन और उनकी सभी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारियां की हैं। ठहरने की सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी गई है। दरगाह के आसपास और मुख्य स्थलों पर पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि जायरीन बिना किसी बाधा के अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।
हर साल की तरह, इस बार भी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ेगी। पाकिस्तानी जायरीन का जत्था न केवल इस आयोजन की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक सौहार्द और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक भी है।
813वें उर्स के अवसर पर अजमेर की दरगाह शरीफ रौशन और भक्तिमय हो गई है। जायरीन के लिए खाने-पीने और अन्य आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा गया है। प्रशासन ने इस बात की भी व्यवस्था की है कि जायरीन को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।