मनीषा शर्मा। राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट ने न केवल निवेशकों और सरकार को करीब लाने का काम किया, बल्कि सियासी मंच पर कुछ दूरियों को भी कम करने का संकेत दिया। मंगलवार को समिट के दौरान कृषि पर आधारित एक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। इस सत्र में राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी हिस्सा लिया।
सीएम ने किरोड़ी लाल मीणा को कहा ‘हमारे बाबा’:
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान का स्वागत करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में उन्हें ‘मामा’ कहा जाता है। इसके बाद उन्होंने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की ओर देखते हुए उन्हें ‘हमारे बाबा’ कहकर पुकारा। मुख्यमंत्री के इस संबोधन पर किरोड़ी लाल मीणा मुस्कुरा दिए, और मंच पर दोनों नेताओं के बीच यह दृश्य सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया।
सियासी पृष्ठभूमि में पहली बार दिखी नजदीकी:
यह घटना इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि हाल के महीनों में किरोड़ी लाल मीणा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच कई मुद्दों पर मतभेद और टकराव सामने आए थे। पिछले सप्ताह ही किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर जासूसी करवाने और राइजिंग राजस्थान समिट में बाधा डालने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके अलावा उन्होंने दौसा उपचुनाव में अपने भाई की हार के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
सरकार गठन से शुरू हुआ विवाद:
किरोड़ी लाल मीणा और सरकार के बीच मतभेद का सिलसिला सरकार गठन के समय ही शुरू हो गया था। मंत्रिमंडल के पोर्टफोलियो बंटवारे को लेकर किरोड़ी लाल ने सार्वजनिक रूप से असंतोष जताया था। उन्होंने इस्तीफा देने और सरकारी गाड़ी लौटाने जैसे कदम भी उठाए। इसके बाद से ही दोनों के बीच संवादहीनता बनी रही।
समिट में दिखी नई शुरुआत:
राइजिंग राजस्थान समिट के मंच पर सीएम और कृषि मंत्री की मुस्कान और सौहार्दपूर्ण बातचीत ने सियासी गलियारों में नई अटकलों को जन्म दिया है। माना जा रहा है कि यह घटना दोनों के बीच सुलह का संकेत हो सकती है। कृषि सत्र के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने भी अपने संबोधन में राज्य के किसानों और कृषि विकास के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।
पुराने विवादों की पृष्ठभूमि:
महेशनगर थाने की सीआई के साथ विवाद और सरकार पर जासूसी के आरोपों के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ अधिकारी उनके और मुख्यमंत्री के बीच गलतफहमियां पैदा कर रहे हैं। हालांकि, राइजिंग राजस्थान समिट में दोनों नेताओं के सकारात्मक रुख ने राज्य की राजनीति में एक नई शुरुआत का संकेत दिया है।
समिट के महत्व पर जोर:
राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति देना है। इस समिट में कृषि सत्र के माध्यम से राज्य के कृषि क्षेत्र में निवेश और विकास की संभावनाओं पर चर्चा हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी किसानों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों की तारीफ की।