शोभना शर्मा। महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी (एमजीएसयू) में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की बड़ी कार्रवाई ने पूरे विश्वविद्यालय में खलबली मचा दी है। परीक्षा से संबंधित भुगतान प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसीबी की टीम ने आज यूनिवर्सिटी में छापा मारा। इस छापेमारी में 7 लाख रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई।
एसीबी की कार्रवाई
एसीबी के एडीशनल एसपी आशीष कुमार के नेतृत्व में यह ऑपरेशन किया गया। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि रिश्वत की यह राशि परीक्षा टेंडर देने के बदले में ली जा रही थी। इस मामले में आरोपी मनोज सांखला को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामला तब उजागर हुआ जब माइक्रो लिंक इंफोटेक कंपनी, जो परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी हुई थी, ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से रिश्वत की रकम देने की तैयारी की। एसीबी ने समय रहते इस योजना को विफल कर दिया और रिश्वत की रकम को जब्त कर लिया।
रिश्वत की बरामदगी और आगे की जांच
एडीशनल एसपी आशीष कुमार ने मीडिया को बताया कि 7 लाख रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई है। फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि इस रकम का भुगतान और किन लोगों तक पहुंचने वाला था। प्रारंभिक जांच में परीक्षा विंग से जुड़े कई अधिकारियों पर संदेह गहराया है।
एसीबी की टीम आरोपी मनोज सांखला से पूछताछ कर रही है। इस मामले में और गहराई से जांच की जा रही है ताकि अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा सके। एसीबी अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में कई अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन की प्रतिक्रिया
यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। अधिकारियों ने कहा कि वे एसीबी द्वारा दी गई पूरी जानकारी मिलने तक कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इस घटना ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वविद्यालय के अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परीक्षा प्रक्रिया और भ्रष्टाचार के आरोप
महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी में परीक्षा प्रक्रिया को लेकर पहले भी विवाद सामने आते रहे हैं। लेकिन इस बार का मामला अधिक गंभीर है, क्योंकि इसमें परीक्षा से संबंधित टेंडर प्रक्रिया में रिश्वतखोरी की बात सामने आई है। यह घटना शिक्षा व्यवस्था और इसकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।
छात्रों और अभिभावकों के बीच इस घटना को लेकर चिंता का माहौल है। उनका मानना है कि भ्रष्टाचार की ऐसी घटनाएं शिक्षा की गुणवत्ता और परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती हैं।
आरोपी की गिरफ्तारी और पूछताछ
मनोज सांखला, जो इस मामले का मुख्य आरोपी है, को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस पूरे भ्रष्टाचार के जाल का पर्दाफाश किया जा सके। एसीबी अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि रिश्वत की यह रकम किन-किन अधिकारियों तक पहुंचने वाली थी और इसमें कितने लोग शामिल हैं।
आगे की संभावनाएं
एसीबी की इस कार्रवाई से साफ है कि भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। अधिकारी इस मामले में गहराई से जांच कर रहे हैं और आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस मामले में जल्द ही कड़े कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को बहाल करने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है।