शोभना शर्मा । अजमेर के वार्ड नंबर 72 की सरकारी भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता द्वारा किए गए सत्याग्रह के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। सरकारी भूमि खसरा संख्या 2647 जो कि नगर सुधार न्यास अजमेर के अंतर्गत आती है, उस पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नक्शा पास कराकर अवैध निर्माण किया गया था।
पार्षद रलावता का आरोप है कि उन्होंने बार-बार नगर निगम अजमेर और अजमेर विकास प्राधिकरण से इस अवैध निर्माण को हटाने की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंततः उन्होंने प्रशासन के खिलाफ सत्याग्रह का मार्ग अपनाया, जिसके बाद जिला कलेक्टर लोकबंधु गुप्ता और अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के हस्तक्षेप से अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया।
अवैध कब्जा और फर्जी दस्तावेज
पार्षद रलावता ने बताया कि यह सरकारी रास्ता, जो खसरा संख्या 2647 पर स्थित है, पर अवैध रूप से कब्जा कर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर नक्शा पास करवाया गया था। नगर निगम अजमेर ने फर्जी दस्तावेजों की जानकारी होने पर मानचित्र को निरस्त कर दिया, लेकिन अब तक भू माफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
सत्याग्रह के बाद कार्रवाई
पार्षद रलावता और कांग्रेस पार्टी के अन्य सदस्यों ने जिला कलेक्टर से भू माफिया और नक्शा पास करने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस के सदस्य और अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता के निरंतर प्रयासों से अतिक्रमण को अंततः जमीदोज कर दिया गया।
इस कार्रवाई के बाद पार्षद रलावता और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने जिला कलेक्टर लोकबंधु गुप्ता और आयुक्त नित्या का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने भू माफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।
कांग्रेसियों की मांग
कांग्रेस नेताओं ने नगर निगम अजमेर के उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है जो अवैध निर्माण में शामिल थे और जिन्होंने कार्रवाई में देरी की। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि प्रशासन भू माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।