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CET के पहले दिन प्रशासन के दावों की खुली पोल

CET के पहले दिन प्रशासन के दावों की खुली पोल

मनीषा शर्मा। राजस्थान में समान पात्रता परीक्षा (CET) सेकेंडरी लेवल के पहले ही दिन प्रशासन के दावों की पोल खुल गई। जयपुर सहित राज्य के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को रोडवेज बसों में मुफ्त सफर के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार ने CET सेकेंडरी लेवल के परीक्षार्थियों को सरकारी रोडवेज बसों में परीक्षा से पहले और बाद में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी थी, लेकिन इस सुविधा के लिए आवश्यक परिवहन व्यवस्था का अभाव नजर आया।

23 अक्टूबर से शुरू हुई CET परीक्षा के पहले दिन छात्रों को बसों में सीट पाने के लिए लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ा। जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर परीक्षा के बाद बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों की भीड़ जमा हो गई, जो अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करते दिखे। कुछ छात्रों और रोडवेज कर्मचारियों के बीच बहस भी हुई, जिसे पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप कर शांत करवाया। इस असुविधा ने छात्रों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी।

छात्रों के लिए फ्री यात्रा, लेकिन व्यवस्था में कमी

राजस्थान सरकार ने CET सेकेंडरी लेवल के परीक्षार्थियों को राहत देने के लिए 5 दिन की मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की थी। इसके तहत छात्र परीक्षा से 2 दिन पहले और परीक्षा समाप्त होने के 2 दिन बाद तक किसी भी सरकारी रोडवेज बस में बिना टिकट यात्रा कर सकते थे। यह योजना प्रदेश के किसी भी हिस्से से लागू की गई थी, जिससे परीक्षार्थी अपने परीक्षा केंद्र तक आसानी से पहुंच सकें।

लेकिन पहले ही दिन इस योजना की खामियां उजागर हो गईं। राज्य भर में कई छात्र बसों में सफर के दौरान परेशान होते दिखे। अमनदीप सिंह नामक एक परीक्षार्थी ने बताया, “फ्री सफर की सुविधा तो दी गई है, लेकिन अतिरिक्त बसों की व्यवस्था नहीं की गई। इसकी वजह से हमें घर जाने में घंटों लग रहे हैं। सरकार को हमारी समस्या को ध्यान में रखते हुए जल्दी से अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करनी चाहिए।”

आम यात्रियों को भी हुई परेशानी

CET परीक्षार्थियों के साथ-साथ आम यात्रियों को भी फ्री सफर के कारण रोडवेज बसों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जयपुर से शाहपुरा जा रहे एक यात्री अमित ने बताया कि उनकी सीट बुक होने के बावजूद भी बस में खचाखच भीड़ हो गई थी, जिससे उन्हें काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “सरकार को इस तरह की घोषणा करने से पहले अतिरिक्त बसों की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए था।”

प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल

CET सेकेंडरी लेवल की परीक्षा 23 से 26 अक्टूबर तक तीन दिन, छह पारियों में आयोजित की जा रही है। इसमें राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा वनपाल, छात्रावास अधीक्षक, कॉन्स्टेबल जैसी 12 भर्ती परीक्षाओं के लिए योग्य उम्मीदवारों को चुना जाएगा। इस परीक्षा के लिए राज्य भर से 18 लाख 65 हजार परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के लिए सफर की सुविधा देने के बावजूद बसों की कमी ने प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह स्थिति दर्शाती है कि प्रशासन ने परीक्षार्थियों के फ्री सफर की योजना तो बनाई, लेकिन वास्तविकता में इसकी क्रियान्वयन में कमी रही। अतिरिक्त बसों की व्यवस्था न होने के कारण छात्रों और आम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह न केवल छात्र अनुभव को नकारात्मक बना रहा है, बल्कि प्रशासन के दावों को भी कमजोर कर रहा है।

छात्रों की मांग: अतिरिक्त बसों की व्यवस्था

अमनदीप सिंह जैसे कई छात्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द राज्यभर में अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा, “हम जैसे सैकड़ों छात्र, जो दूरदराज के इलाकों से परीक्षा देने आए हैं, हमें अपने घरों तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर सरकार ने पहले ही अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया होता, तो हमें यह परेशानी नहीं होती।”

सरकार द्वारा परीक्षा से संबंधित यात्रा में फ्री सफर की सुविधा एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त संसाधनों की योजना बनानी चाहिए थी। CET जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में हिस्सा लेने वाले छात्रों के लिए ऐसी असुविधा गंभीर चिंता का विषय है।

 

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