शोभना शर्मा। राजस्थान में वकीलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) को लागू करने की प्रक्रिया जारी है। यह 21 मार्च 2023 को 15वीं विधानसभा के आठवें सत्र में पारित किया गया था, लेकिन अब तक इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति नहीं मिली है। राज्य में वकीलों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर यह कानून काफी अहम माना जा रहा है। इस संबंध में कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने विधानसभा में सवाल उठाया। इस पर राजस्थान के विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने 6 मार्च 2025 को जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कानून को पारित कर चुकी है, और इसे लागू करने के लिए अब केवल राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार है।
राजस्थान में वकीलों की सुरक्षा क्यों जरूरी?
बीते कुछ वर्षों में राजस्थान में वकीलों पर हमलों के कई मामले सामने आए हैं। बार काउंसिल और वकीलों के संगठनों ने वकील सुरक्षा कानून की मांग लगातार उठाई थी। इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्ववर्ती सरकार ने विधानसभा में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पेश किया, जिसे 21 मार्च 2023 को पारित कर दिया गया। लेकिन, कानून लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी अनिवार्य होती है। एक साल बीतने के बावजूद अब तक इस कानून को स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
विधानसभा में क्या कहा गया?
विधानसभा में विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रश्नकाल के दौरान इस बिल पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले ही 31 जिला एवं सेशन न्यायालय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। 33 हेड कांस्टेबल और 131 कांस्टेबल न्यायालय परिसरों में सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, जोधपुर हाईकोर्ट और जयपुर हाईकोर्ट बेंच में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जोधपुर हाईकोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर परिसर की सुरक्षा के लिए थाना कुडी हाउसिंग बोर्ड से एक सहायक उप निरीक्षक, 3 हेड कांस्टेबल और प्रथम बटालियन एसी की ए कंपनी से 1 सीसी, 20 हेड कांस्टेबल, 71 कांस्टेबल को तैनात किया गया है।
जयपुर हाईकोर्ट में भी बढ़ी सुरक्षा
राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर बेंच में भी 1 उप निरीक्षक, 2 सहायक उप निरीक्षक, 12 हेड कांस्टेबल, 24 कांस्टेबल और 5 महिला कांस्टेबल सहित कुल 44 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट क्यों है महत्वपूर्ण?
इस कानून के लागू होने के बाद वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और उनके खिलाफ होने वाले हमलों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
वकीलों पर हमले अपराध की श्रेणी में आएंगे – अगर किसी वकील पर हमला किया जाता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएंगे – वकीलों को न्यायालय परिसरों में अधिक सुरक्षा मिलेगी।
आपराधिक मामलों में कार्रवाई तेज होगी – अगर कोई व्यक्ति अधिवक्ता के कार्य में बाधा डालता है या हमला करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज होगी।
बार काउंसिल और वकील संगठनों की लंबे समय से मांग थी – राजस्थान बार काउंसिल ने लंबे समय से एडवोकेट सुरक्षा कानून की मांग की थी, जो अब जल्द ही लागू हो सकता है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद क्या होगा?
अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट राजस्थान में लागू हो जाएगा। इस कानून के लागू होने के बाद राज्य के वकीलों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा पर सख्त कार्रवाई संभव होगी। राजस्थान सरकार ने पहले ही न्यायालय परिसरों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। अब देखना यह होगा कि राष्ट्रपति की मंजूरी कब तक मिलती है और यह कानून आखिरकार कब लागू होता है।