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एसडीएम की फटकार के बाद डॉक्टरों का प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी

एसडीएम की फटकार के बाद डॉक्टरों का प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी

शोभना शर्मा।  बाड़मेर जिले के सेड़वा कस्बे में एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई द्वारा डॉक्टर रामस्वरूप रावत को धमकाने का मामला तूल पकड़ चुका है। पीड़ित डॉक्टर ने न्याय की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा व्यक्त की और कहा कि आज 7वें दिन भी मैं न्याय के लिए लड़ रहा हूं, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रदेशभर के डॉक्टर हड़ताल पर उतर आए हैं और विरोध स्वरूप दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।

डॉक्टरों का विरोध जारी, एसडीएम के निलंबन की मांग

घटना के बाद से ही डॉक्टर समुदाय इस मामले को लेकर एकजुट हो गया। 1 फरवरी को हुई इस घटना के अगले ही दिन डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इसके बाद दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाने लगा। 7 फरवरी को विरोध और तेज हो गया, जब डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाला और एसडीएम के निलंबन की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की।

क्या है पूरा मामला?

1 फरवरी की सुबह 10 बजे, एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई सेड़वा सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) के निरीक्षण पर पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने ओपीडी में कार्यरत डॉ. रामस्वरूप रावत को धमकाया और पुलिस के हवाले करने की बात कही। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद डॉक्टरों ने इसका कड़ा विरोध जताया। मामला बढ़ता देख एसडीएम ने 4 फरवरी को वीडियो जारी कर माफी भी मांग ली, लेकिन डॉक्टरों ने इसे अस्वीकार कर दिया और न्याय की मांग जारी रखी

डॉक्टर रामस्वरूप की शिकायत और प्रशासन की प्रतिक्रिया

डॉ. रामस्वरूप ने 2 फरवरी को सेड़वा थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय परिवाद रजिस्टर्ड किया। इसके बाद 3 फरवरी को पीड़ित डॉक्टर ने बाड़मेर एसपी ऑफिस जाकर ज्ञापन सौंपा। डॉक्टर की शिकायत के अनुसार  घटना वाले दिन सीएचसी में वह अकेले ड्यूटी पर थे250 से ज्यादा मरीजों की ओपीडी चल रही थी। इसी दौरान 50 वर्षीय गंभीर महिला मरीज आई, जिसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इस बीच एसडीएम अस्पताल पहुंचे और धमकाने लगे।पुलिस ने बताया कि परिवाद दर्ज कर लिया गया है और 14 दिन की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगीडॉक्टर यूनियन का कहना है कि यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो संपूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा। यूनियन के निर्देशानुसार ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

 

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