मनीषा शर्मा। दौसा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार डीसी बैरवा ने भारी जीत हासिल करते हुए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और किरोड़ी लाल मीणा के भाई डॉ. जगमोहन मीणा को शिकस्त दी। यह जीत केवल एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि पूर्वी राजस्थान की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत है। जयपुर में शपथ ग्रहण समारोह के बाद बैरवा ने अपने संबोधन में कहा, “दौसा की जनता ने किरोड़ी लाल मीणा और उनकी राजनीति को बड़ा संदेश दिया है।”
सचिन पायलट का अहम योगदान
डीसी बैरवा ने अपनी जीत के लिए कांग्रेस नेताओं, विशेष रूप से सचिन पायलट और मुरारी लाल मीणा, का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि सचिन पायलट के दौरे और जनता से अपील ने इस चुनाव में कांग्रेस की जीत को सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा, “जब सचिन पायलट ने मुझे गाड़ी में बिठाकर दौसा की जनता से संवाद किया, तभी जीत तय हो गई थी।”
कांग्रेस के गढ़ में बदलाव का संकेत
दौसा विधानसभा की यह जीत कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत है। बैरवा ने दावा किया कि इस जीत से यह सिद्ध हो गया है कि सचिन पायलट और मुरारी लाल मीणा के नेतृत्व में दौसा अब कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ बन गया है।
राजस्थान उपचुनाव के नतीजे और समीकरण
राजस्थान में 13 नवंबर को 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। 23 नवंबर को आए नतीजों के अनुसार, इनमें से 5 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया, जबकि कांग्रेस केवल दौसा सीट पर जीत हासिल कर पाई। भारत आदिवासी पार्टी ने अपने गढ़ चौरासी को बचाने में सफलता पाई।
नवनिर्वाचित विधायकों की सूची
- डीसी बैरवा (दौसा)
- रेवतराम डांगा (खींवसर)
- शांता देवी मीणा (सलूम्बर)
- राजेन्द्र गुर्जर (देवली-उनियारा)
- राजेन्द्र भांबू (झुंझुनूं)
- सुखवंत सिंह (रामगढ़)
- अनिल कटारा (चौरासी)
विधानसभा का बदला गणित
उपचुनाव के बाद राजस्थान विधानसभा में सत्तारूढ़ दल बीजेपी का वर्चस्व बढ़ा है। हालांकि, दौसा की जीत ने कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक बढ़त दी है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है।
दौसा की जीत के राजनीतिक मायने
डीसी बैरवा की जीत केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूर्वी राजस्थान की राजनीति में एक बदलाव का संकेत है। दौसा की जनता ने किरोड़ी लाल मीणा जैसे प्रभावशाली नेता के खिलाफ जाकर बदलाव की मांग का संदेश दिया है। बैरवा ने कहा, “कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस चुनाव में योगदान दिया, लेकिन यह जनता की जीत है।”
किरोड़ी लाल मीणा की राजनीति पर सवाल
डीसी बैरवा ने साफ तौर पर कहा कि किरोड़ी लाल मीणा की राजनीति अब समाप्ति की ओर है। उन्होंने कहा, “दौसा की जनता ने उन्हें और उनके परिवार को नकार दिया है।” इस जीत से कांग्रेस को पूर्वी राजस्थान में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिला है। वहीं, बीजेपी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कांग्रेस की पकड़ मजबूत हो रही है।