latest-newsअलवरराजस्थान

अलवर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक, एक्यूआई 320 तक पहुंचा

अलवर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक, एक्यूआई 320 तक पहुंचा

मनीषा शर्मा। अलवर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर सर्दियों के मौसम में पहली बार खतरनाक सीमा पर पहुंच गया है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 320 रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य सीमा से काफी अधिक है। प्रदूषण का यह उच्च स्तर शहर के निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन गया है, जिसमें आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।

शहर में दिन के मुकाबले रात में वायु प्रदूषण का स्तर अधिक बढ़ जाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, पिछले दिनों सुबह एक्यूआई स्तर 106 था, जो धीरे-धीरे बढ़कर रात में 320 तक पहुंच गया। सामान्य तौर पर, एक्यूआई का स्तर 100 तक रहना चाहिए, लेकिन अलवर में यह लगातार अधिक रिकॉर्ड हो रहा है, जो चिंताजनक स्थिति है।

ग्रेप-1 के बावजूद बिगड़े हालात

दीपावली के दौरान अलवर में पटाखों पर रोक लगाने के बावजूद ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई थी। इस अनुमति के तहत आठ से दस बजे तक पटाखे चलाने की इजाजत थी, लेकिन लोग देर रात तक पटाखे जलाते रहे, जिससे वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई। वहीं, स्थानीय प्रशासन द्वारा कचरा जलाने के मामलों में नियंत्रण नहीं होने के कारण प्रदूषण और बढ़ गया। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत ग्रेप-1 के प्रावधान लागू किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।

जिला कलेक्टर की चिंताएं और प्रयास

जिला कलेक्टर इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और उन्होंने ‘क्लीन अलवर’ और ‘अतुल्य अलवर’ अभियान शुरू किए हैं। इन अभियानों के तहत शहर में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सेक्टर वाइज इंचार्ज बनाया गया है। इसके अलावा, जिले में रामगढ़ उपचुनाव को ‘ग्रीन इलेक्शन’ के रूप में संचालित किया जा रहा है, जिसमें प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

जिला कलेक्टर की ये सारी पहलें अलवर में स्वच्छता और वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए हैं। उनके अनुसार, इन अभियानों के जरिए शहर की सफाई व्यवस्था और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि लोग स्वच्छता और पर्यावरण की रक्षा में सहयोग कर सकें। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद एक्यूआई का स्तर नियंत्रण में नहीं आ रहा, जो काफी चिंता का विषय बना हुआ है।

क्या कर सकते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय निवासियों के लिए यह आवश्यक है कि वे कचरा जलाने से बचें, और प्लास्टिक और अन्य कचरे को सही तरीके से डिस्पोज करें। साथ ही, वाहन प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें और निजी वाहनों के प्रयोग को सीमित करें। प्रदूषण को कम करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाने की भी जरूरत है।

अलवर में वायु प्रदूषण की यह स्थिति नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती है। अलवर की हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इन प्रयासों को और तेज करने की आवश्यकता है, ताकि यहां के लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण मिल सके।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading