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अजमेर दरगाह विवाद: विष्णु गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी

अजमेर दरगाह विवाद: विष्णु गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी

शोभना शर्मा, अजमेर।  अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने का दावा और इस संबंध में अदालत में याचिका दाखिल करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को हाल ही में जान से मारने की धमकी दी गई है। विष्णु गुप्ता ने इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के बाराखम्भा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को धमकी भरे कॉल के सबूत भी सौंपे हैं, जिसमें उन्हें धमकी देने वाला व्यक्ति कनाडा से कॉल करने का दावा कर रहा है। यह मामला एक संवेदनशील धार्मिक विवाद के साथ जुड़ा हुआ है और देशभर में चर्चाओं का विषय बन गया है।

धमकी भरे कॉल का मामला

विष्णु गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें अलग-अलग नंबरों से दो धमकी भरे कॉल आए। पहला कॉल एक विदेशी नंबर से था, जिसमें कॉलर ने खुद को कनाडा से बोलने वाला बताया। कॉल के दौरान विष्णु गुप्ता को धमकी दी गई कि अगर वह अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े मामले को लेकर आगे बढ़ते हैं, तो उनकी “गर्दन उड़ा दी जाएगी।” इस कॉल का वीडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है, जिसमें कॉलर खुले तौर पर कह रहा है, “तूने अजमेर शरीफ पर याचिका दाखिल की है। ज्यादा मत फड़फड़ाओ, गर्दन उड़ जाएगा। इस कॉल को रिकॉर्ड कर लो।” दूसरा कॉल रमजान बेग नामक व्यक्ति ने भारतीय नंबर से किया। इस कॉल में भी विष्णु गुप्ता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।

पुलिस में शिकायत और जांच का दायरा

विष्णु गुप्ता ने बाराखम्भा पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में धमकी भरे दोनों कॉल के नंबर और समय का उल्लेख किया गया है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में धमकी देने वाले दोनों नंबरों की ट्रेसिंग की जा रही है। एक नंबर कनाडा का है, जो +14375997100 से संबंधित है। पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है कि क्या यह नंबर वास्तव में कनाडा से जुड़ा हुआ है या इसे प्रॉक्सी सर्वर के जरिए उपयोग किया गया है।

अजमेर दरगाह विवाद और विष्णु गुप्ता की भूमिका

यह मामला उस समय चर्चा में आया जब विष्णु गुप्ता ने अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताते हुए निचली अदालत में याचिका दाखिल की। इस याचिका में दावा किया गया है कि वर्तमान में दरगाह की जगह पहले एक हिंदू मंदिर था। अजमेर की निचली अदालत ने इस याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए आगे की प्रक्रिया शुरू की है। इस फैसले के बाद से विष्णु गुप्ता विवादों और धमकियों के घेरे में हैं। गौरतलब है कि विष्णु गुप्ता मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि विवाद और वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में भी सक्रिय पार्टी हैं। इन दोनों मामलों में भी उन्होंने अदालत में याचिका दायर की थी।

धमकी के पीछे संभावित कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह धमकी एक सुनियोजित प्रयास है, जो धार्मिक भावनाओं को उकसाने और गुप्ता को डराने के उद्देश्य से किया गया है। अजमेर दरगाह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जहां हर धर्म के लोग श्रद्धा से आते हैं। इस जगह को लेकर विवाद खड़ा करना संवेदनशील विषय है, जो विभिन्न समुदायों के बीच तनाव बढ़ा सकता है।

धार्मिक विवाद और कानूनी प्रक्रिया

अजमेर दरगाह को लेकर पहले भी कई विवाद उठ चुके हैं, लेकिन यह मामला उस समय गंभीर हुआ जब अदालत ने इसे सुनवाई योग्य माना। विष्णु गुप्ता का दावा है कि ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर उन्होंने याचिका दाखिल की है और इसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में तथ्य और प्रमाण महत्वपूर्ण होते हैं। अदालत ने याचिका स्वीकार की है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय आने में समय लग सकता है।

धमकी के खिलाफ उठाए गए कदम

विष्णु गुप्ता ने धमकी मिलने के बाद तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच कर रही है। कॉलर की पहचान और उसके स्थान का पता लगाना प्राथमिकता है। इसके अलावा, हिंदू सेना ने भी अपने अध्यक्ष की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों को जल्द पकड़ने की अपील की है।

धार्मिक और सामाजिक प्रभाव

अजमेर दरगाह को लेकर विवाद और धमकी भरे कॉल न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि यह सामाजिक ताने-बाने पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। ऐसे विवाद धार्मिक ध्रुवीकरण और आपसी सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। विष्णु गुप्ता का दावा है कि वह सत्य के लिए लड़ रहे हैं और धमकियों से डरकर पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायपालिका और प्रशासन इस मामले को कैसे संभालते हैं। विष्णु गुप्ता को मिली धमकियां और अजमेर दरगाह विवाद एक गंभीर मुद्दा बन गया है। इस मामले में पुलिस की जांच और कानूनी प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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