अजमेर डिस्कॉम ने अपने कर्मचारियों की सोच में सकारात्मक बदलाव लाने और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अनोखा कदम उठाया है। डिस्कॉम के एडिशनल चीफ इंजीनियर ने सभी 17 जिलों के कर्मचारियों को अपने ही सहायक अभियंता द्वारा बनाए गए यूट्यूब चैनल “जीने की राह सुरेन्द्र कुमार” पर मौजूद वीडियो देखने और इसे हर शुक्रवार को साझा करने का आधिकारिक आदेश जारी किया। इसके साथ ही, सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया है और इसे छोड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी तय किया गया है।
यूट्यूब चैनल से प्रेरणा: सुरक्षा और चरित्र निर्माण की पहल
डिस्कॉम के आदेश में बताया गया है कि सुरक्षा और चरित्र निर्माण के लिए कर्मचारियों को प्रेरक गीत, कविताएँ और सत्य घटनाओं पर आधारित दृष्टांतों को सुनने-पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। समूह में शामिल सभी अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमित रूप से वीडियो साझा करें और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी इसे देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
कर्मचारियों की सोच पर ज़ोर: तुच्छ सोच बनाम अच्छी सोच
अजमेर डिस्कॉम के इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कंपनी की प्रगति और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक जिम्मेदार और सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना आवश्यक है। आदेश के अनुसार, कर्मचारियों की सोच ही उनके जिम्मेदार या गैरजिम्मेदार होने को निर्धारित करती है। तुच्छ सोच वाले कर्मचारी गैरजिम्मेदार माने गए हैं और ऐसे लोग हमेशा असुरक्षित वातावरण का निर्माण करते हैं, जबकि अच्छी सोच रखने वाले लोग जिम्मेदार बनते हैं और सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप पर अनुशासनात्मक प्रावधान
डिस्कॉम ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों को चेतावनी दी है कि अगर वे समूह से बाहर होते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए हर जिले में एक सुरक्षा अधिकारी और अधीक्षण अभियंता को नियुक्त किया गया है, जो इन गतिविधियों पर निगरानी रखेंगे। साथ ही, व्हाट्सएप ग्रुप का नियंत्रण मुख्य सुरक्षा अधिकारी, अधिशासी अभियंता, और कनिष्ठ अभियंता के हाथों में होगा।
सुरक्षा चर्चा: कर्मचारियों की भागीदारी अनिवार्य
अजमेर डिस्कॉम ने सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा चर्चा में भागीदारी अनिवार्य कर दी है। मुख्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा सभी कर्मचारियों की सूची बनाई जाएगी और उन्हें नियमित रूप से प्रेरक रचनाएं सुनने का आदेश दिया जाएगा। इस सुरक्षा चर्चा में भाग लेने वाले कर्मचारियों का चयन भी किया गया है ताकि सभी कर्मचारी इसका लाभ उठा सकें।
सुरक्षा चर्चा के दौरान अनुपस्थित रहने वाले और मोटिवेशनल रचनाओं को बिना सुने आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कर्मचारियों को सुरक्षा चर्चा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और संबंधित सहायक अभियंता को उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश पर प्रतिक्रिया: अधिकारियों का स्पष्टीकरण
भास्कर द्वारा पूछे जाने पर अजमेर डिस्कॉम के एडिशनल चीफ इंजीनियर (ट्रेनिंग एवं सुरक्षा), एस. के. नागरानी ने बताया कि आदेश का उद्देश्य कर्मचारियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था। उन्होंने यह भी कहा कि यह आदेश केवल सहायक अभियंता के कहने पर जारी कर दिया गया था, और यदि आवश्यक हो तो वे इसे निरस्त कर सकते हैं। वहीं, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के.पी. वर्मा ने इस मामले पर अपनी जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि इस आदेश की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।