latest-newsजयपुरराजस्थान

हाईकोर्ट में रोडवेज एमडी पर आदेश की अवहेलना पर जताई नाराजगी

हाईकोर्ट में रोडवेज एमडी पर आदेश की अवहेलना पर जताई नाराजगी

मनीषा शर्मा। जयपुर हाईकोर्ट ने राजस्थान रोडवेज के एमडी पुरुषोत्तम शर्मा को अदालत के आदेशों की अवहेलना करने पर कड़ी फटकार लगाई और यहां तक कह दिया कि वे सीधे कोर्ट से जेल जाएंगे। जस्टिस नरेंद्र सिंह ढड्ढा की बेंच ने यह टिप्पणी तब की जब रोडवेज ने 14 साल पुराने अदालती आदेश को अब तक लागू नहीं किया था। अदालत के तेवर इतने सख्त थे कि कोर्ट रूम में गार्ड तक बुला लिए गए।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि रोडवेज के रवैये से वह बेहद नाराज है और उसके अधिकारियों को अदालती आदेशों को गंभीरता से लेना चाहिए। रोडवेज एमडी ने स्थिति को भांपते हुए तुरंत माफी मांगी और आदेश की पूरी पालना करने का आश्वासन दिया। अदालत ने उन्हें दोपहर 2 बजे तक समय दिया ताकि वे बकाया भुगतान कर सकें।

23 साल पुराना मामला, कर्मचारी की जबरन सेवानिवृत्ति

यह मामला 2002 का है, जब राजस्थान रोडवेज ने कर्मचारी नेमीचंद गुप्ता को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। इस आदेश को चुनौती देते हुए नेमीचंद ने हाईकोर्ट का रुख किया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2012 में हाईकोर्ट ने कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि उनकी सेवा को निरंतर माना जाए और उन्हें 75% वेतन व अन्य लाभ दिए जाएं।

हालांकि, रोडवेज ने इस फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी, लेकिन वहां भी हार मिली। इसके बाद रोडवेज ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की, जिसे 25 जुलाई 2024 को खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 31 दिसंबर 2024 तक रोडवेज को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा।

अदालत की चेतावनी के बाद किया भुगतान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद रोडवेज ने पूरा भुगतान नहीं किया, जिससे नेमीचंद गुप्ता को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी। 19 फरवरी को हाईकोर्ट ने रोडवेज एमडी, चेयरमैन और चीफ मैनेजर भरतपुर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए।

सुनवाई से ठीक एक दिन पहले रोडवेज ने नेमीचंद को 37.5 लाख रुपए के बकाया में से 27 लाख का चेक जारी कर दिया, लेकिन पूरी रकम न मिलने के कारण मामला कोर्ट में जारी रहा। आज जब रोडवेज एमडी ने अदालत में कहा कि आदेश का पालन हो चुका है, तो नेमीचंद के वकील ने इस दावे का खंडन किया और बताया कि अब भी बकाया राशि नहीं दी गई है।

अदालत के सख्त तेवर, गार्ड बुलाए गए

हाईकोर्ट ने जब यह देखा कि आदेश की पूरी तरह से पालना नहीं हुई है, तो नाराजगी व्यक्त की और एमडी से कहा कि वे सीधे जेल जाएंगे। इसी दौरान कोर्ट रूम में गार्ड बुलाने की नौबत आ गई।

एमडी ने तुरंत माफी मांगी और आदेश का पालन करने का वचन दिया। इसके बाद दोपहर तक रोडवेज ने बचे हुए 10.5 लाख रुपए का चेक नेमीचंद को सौंप दिया। इस पर हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका को निस्तारित कर दिया।

सरकारी विभागों के लिए एक सख्त संदेश

यह मामला सिर्फ एक कर्मचारी का नहीं, बल्कि सरकारी विभागों में व्याप्त लापरवाही और अदालती आदेशों की अनदेखी की गंभीर समस्या को भी उजागर करता है। हाईकोर्ट का यह रुख सरकारी अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि अदालती आदेशों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading