जोधपुर की सेंट्रल जेल में नाबालिक शिष्य के यौन शोषण के मामले में बंद आसाराम को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में आसाराम के पैरोकार की ओर से झूठे दस्तावेज पेश करने के मामले में हाईकोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर की कोर्ट ने जमानत दी है. हालांकि जमानत के बाद आसाराम फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. क्योंकि अन्य मामला में सजा के चलते आसाराम को जेल में ही रहना पड़ेगा.
झूठे दस्तावेज पेश करने के मामले में मुख्य आरोपी रवि राय को पहले ही जमानत मिल चुकी है. लेकिन इस मामले में आसाराम को भी आरोपी बनाया गया था. सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका पेश की गई थी, जिसमें जोधपुर सेंट्रल जेल की डिस्पेंसरी के मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किए गए थे. जिसमें आसाराम की कई गंभीर बीमारियों का जिक्र था.
सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच कराई तो जांच के दौरान फर्जी साबित हुए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2017 में आसाराम की पैरोकार रवि राय व आसाराम के खिलाफ जोधपुर के रातानाडा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. अब इस मामले में हाई कोर्ट से आसाराम को जमानत मिली है, लेकिन आसाराम के लिए कोई राहत की बात नहीं है. आसाराम मामले में हाईकोर्ट के अधिवक्ता नीलकमल बोहरा व गोकुलेश बोहरा ने पैरवी की.