मनीषा शर्मा। रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू बाबा आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने तीसरी बार पैरोल दी है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने आसाराम को 17 दिनों की पैरोल मंजूर की। अब वह 15 दिसंबर से पुणे के माधो बाग आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराएगा। इससे पहले आसाराम 10 नवंबर से 30 दिन की पैरोल पर जोधपुर के एक निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करा रहा था, जिसकी अवधि मंगलवार को समाप्त हो गई।
हाईकोर्ट का फैसला:
राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत माथुर की बेंच ने आसाराम की पैरोल अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे 15 दिसंबर से 17 दिनों की पैरोल दी। आसाराम के वकीलों आरएस सलूजा और यशपाल सिंह ने अदालत में यह दलील दी कि उसका इलाज पुणे के माधो बाग अस्पताल में अधूरा रह गया था और वह पंचकर्म प्रक्रिया पूरी करना चाहता है। अदालत ने इस दलील को मानते हुए पैरोल को मंजूरी दी।
पहले भी करा चुका है माधो बाग में इलाज:
आसाराम ने अगस्त 2023 में भी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते पुणे के इसी अस्पताल में इलाज कराया था। तब उसे 13 अगस्त को सात दिनों की पैरोल मिली थी। बाद में उसने पंचकर्म प्रक्रिया पूरी करने के लिए पैरोल की अवधि बढ़ाने की गुजारिश की थी, जिसके चलते उसे 7 सितंबर तक अस्पताल में रहने की अनुमति दी गई थी।
नारायण साईं को भी मिली थी पिता से मिलने की अनुमति:
आसाराम के बेटे नारायण साईं, जो खुद सूरत के लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद है, ने 18 अक्टूबर को गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने पिता से मिलने की अनुमति मांगी थी। हाईकोर्ट ने मानवीय आधार पर यह याचिका मंजूर की और नारायण साईं को पिता से मिलने के लिए 4 घंटे का समय दिया था। इसके लिए उसे 5 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा।
आसाराम के पैरोल का इतिहास:
आसाराम को पिछले 11 वर्षों में यह तीसरी बार पैरोल मिली है। पहली बार उसे 13 अगस्त 2023 को सात दिनों के लिए पैरोल दी गई थी। दूसरी बार 7 नवंबर 2023 को 30 दिनों की पैरोल पर वह जोधपुर के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए गया था। अब तीसरी बार उसे पुणे के अस्पताल में इलाज के लिए पैरोल मिली है।