मनीषा शर्मा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया। गहलोत ने कहा कि दोनों नेताओं ने मणिपुर को नजरअंदाज कर बहुत बड़ा अपराध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम और गृहमंत्री ने मणिपुर जैसे महत्वपूर्ण राज्य को ऐसा व्यवहार किया जैसे वह भारत का हिस्सा ही न हो।
मणिपुर संकट: गहलोत का बड़ा बयान
गहलोत ने कहा, “प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए था। उनकी उपस्थिति से राज्य में स्थिति नियंत्रित हो सकती थी। लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को भी नहीं बदला गया।”
गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के हर हिस्से का ध्यान रखना चाहिए। “प्रधानमंत्री का एक अलग प्रभाव होता है। अगर वे मणिपुर जाते तो दोनों समुदायों के बीच खून-खराबा रुक सकता था।”
गहलोत ने मणिपुर सीएम की माफी को बताया अस्वीकार्य
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह द्वारा जनता से माफी मांगने पर गहलोत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की माफी माफ करने योग्य नहीं है। वे 18 महीने बाद माफी मांग रहे हैं। जब हालात संभाल नहीं पा रहे थे, तब उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।”
गहलोत ने मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं को देश के इतिहास में अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने खुद एक साल पहले स्वीकार किया कि राज्य में रेप और अत्याचार हो रहे थे। यह पूरी तरह से राज्य और केंद्र सरकार की विफलता है।”
बीरेन सिंह का बयान और गहलोत की प्रतिक्रिया
मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने 2024 के आखिरी दिन माफी मांगते हुए कहा था, “पूरा साल राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा। मई 2023 से जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं जनता से माफी मांगता हूं।” गहलोत ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि माफी मांगने के बजाय, मुख्यमंत्री को पहले ही पद छोड़ देना चाहिए था।
हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं
गहलोत ने मणिपुर की घटनाओं को गंभीर बताते हुए कहा, “250 से अधिक लोग मारे गए हैं। जातीय और सामुदायिक संघर्षों में महिलाएं अत्याचार का शिकार बनीं। इस तरह की घटनाएं भारतीय लोकतंत्र पर कलंक हैं।”
उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बदला। गहलोत ने कहा, “अगर मुख्यमंत्री बदल दिया जाता, तो हिंसा रुक सकती थी। यह सरकार की बड़ी विफलता है।”
धर्म आधारित राजनीति पर गहलोत की आलोचना
गहलोत ने केंद्र सरकार पर धर्म आधारित राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “देश में केवल धर्म की राजनीति हो रही है। बाकी सभी मुद्दे पीछे रह गए हैं। आने वाली पीढ़ियों को यह बताना मुश्किल होगा कि हमने इन हालात में क्या किया।”
जनता की सुविधा में खर्चा अहम: गहलोत
जयपुर मेट्रो का उदाहरण देते हुए गहलोत ने कहा कि जनता की सुविधा के लिए खर्च को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “दुनिया भर में मेट्रो घाटे का सौदा मानी जाती है, लेकिन यह जनता के लिए जरूरी है। हमारी सरकार की ड्यूटी है कि लोगों को सुविधाएं दी जाएं। जयपुर मेट्रो आज जनता के लिए कितनी फायदेमंद है, यह सब जानते हैं।”
युवा पीढ़ी को समझाने की अपील
गहलोत ने देश के युवाओं से अपील की कि वे राजनीति को सही परिप्रेक्ष्य में समझें। उन्होंने कहा, “देश को बचाने के लिए जरूरी है कि हम गलतियों की आलोचना करें और अच्छे काम का स्वागत करें।”