मनीषा शर्मा। राजस्थान में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के दोबारा उद्घाटन को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह सिर्फ श्रेय लेने की राजनीति है। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार में ही इस क्लब का उद्घाटन हो चुका था, तो दोबारा उद्घाटन करने की क्या जरूरत थी?
गहलोत ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की उपस्थिति में इस क्लब का शुभारंभ किया गया था। इसके बावजूद अब इसे दोबारा उद्घाटन करना सरकार की मानसिकता को दर्शाता है, जो सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को रोककर श्रेय लेना चाहती है।
बाड़मेर रिफाइनरी प्रोजेक्ट का उदाहरण
गहलोत ने बीजेपी सरकार की इस रणनीति का उदाहरण देते हुए बाड़मेर रिफाइनरी प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 37,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया था, लेकिन जब बीजेपी सत्ता में आई, तो इसे पांच साल तक ठप कर दिया। जब बाद में फिर से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया, तब इसकी लागत 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ कांग्रेस को श्रेय न देने की मानसिकता के कारण हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि इसी मानसिकता के तहत गांधी वाटिका को भी एक साल तक बंद रखा गया था, ताकि कांग्रेस की किसी भी योजना को आगे न बढ़ाया जाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नहीं जाना चाहिए – गहलोत
गहलोत ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस कार्यक्रम में शामिल न होने की अपील की। उन्होंने कहा, “ओम बिरला जी को ऐसे राजनीतिक कार्यक्रम से दूर रहना चाहिए। अभी भी समय है कि वह इस कार्यक्रम में न जाएं। जिस तरह गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं, मैं भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं।”
देश के सबसे शानदार कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में से एक
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में बना कॉन्स्टिट्यूशन क्लब देश के सबसे बेहतरीन क्लबों में से एक है। इसकी गुणवत्ता और सुविधाएं केवल दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बराबर हैं। इस क्लब का उद्देश्य पत्रकारों, साहित्यकारों, पूर्व नौकरशाहों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, राजनेताओं और बुद्धिजीवियों को एक मंच प्रदान करना था। लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे एक साल तक बंद रखा और अब इसका दोबारा उद्घाटन करके केवल श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
गहलोत ने यह भी कहा कि अगर सरकार इसी तरह राजनीतिक फायदे के लिए विकास कार्यों को रोकती रही, तो इससे राज्य को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की योजनाओं पर रोक लगाना और फिर उनका दोबारा उद्घाटन करना, जनता को गुमराह करने की रणनीति है, जिससे सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता।