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विधानसभा बजट सत्र: सीएम भजनलाल शर्मा करेंगे रूठे विधायकों से संवाद

विधानसभा बजट सत्र: सीएम भजनलाल शर्मा करेंगे रूठे विधायकों से संवाद

शोभना शर्मा।  राजस्थान सरकार जनवरी के तीसरे सप्ताह में विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की तैयारी कर रही है। इस सत्र के दौरान राज्य का वार्षिक बजट पेश किया जाएगा, और यह सत्र लगभग एक महीने तक चलने की संभावना है। बजट सत्र राज्य के विकास, नीतियों और योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

सीएम भजनलाल शर्मा का विधायकों से संवाद का निर्णय

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्र से पहले अपनी पार्टी के सभी विधायकों से बातचीत करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की नाराजगी या असहमति सार्वजनिक न हो। पिछले कुछ समय से बीजेपी विधायकों द्वारा सरकार के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया गया है। कुछ विधायकों ने अपने क्षेत्रों में काम न होने की शिकायतें की हैं, जबकि कुछ ने सरकारी विभागों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति से निपटने के लिए संभागवार विधायकों से फीडबैक लेने का निर्णय लिया है।

तीन दिनों में सात संभागों के विधायकों से बातचीत

सीएम भजनलाल शर्मा अगले तीन दिनों तक मुख्यमंत्री आवास (सीएमआर) में सभी विधायकों से अलग-अलग संभागों के आधार पर संवाद करेंगे।

  • शनिवार: चर्चा की शुरुआत कोटा संभाग के विधायकों से होगी।
  • रविवार: जोधपुर, उदयपुर और भरतपुर संभाग के विधायकों से बातचीत होगी।
  • सोमवार: अजमेर, बीकानेर और जयपुर संभाग के विधायकों से संवाद किया जाएगा।

इस योजना के तहत मुख्यमंत्री प्रत्येक विधायक से उनके क्षेत्र में विकास कार्यों और जनता की समस्याओं के बारे में जानकारी लेंगे।

पिछले सत्रों में विधायकों की नाराजगी

विधानसभा के पिछले सत्रों में कई विधायकों ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इनमें प्रमुख घटनाएं बांदीकुई और लालसोट के विधायकों की हैं, जिन्होंने अपनी ही पार्टी के मंत्रियों और सरकारी विभागों के खिलाफ आवाज उठाई।

बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा की नाराजगी

बांदीकुई के विधायक भागचंद टाकड़ा ने विधानसभा में वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उनके क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारी रिश्वतखोरी और अवैध वसूली में लिप्त हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजरी की ट्रैक्टर-ट्रॉली को मिट्टी की बताकर कम जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन ट्रैक्टर मालिकों से 50,000 रुपये की रिश्वत वसूली जाती है। जब उन्होंने इस भ्रष्टाचार का विरोध किया, तो वन विभाग ने उनके खिलाफ ही राजकार्य में बाधा डालने और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दिया।

लालसोट विधायक रामबिलास मीणा की शिकायतें

लालसोट के विधायक रामबिलास मीणा ने अपनी ही सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा पर तीखे आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उनके क्षेत्र में जेईएन और एईएन जैसे महत्वपूर्ण पद लंबे समय से खाली हैं। वे इस मुद्दे को चार बार मंत्री के सामने उठा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। मीणा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि “मंत्री सो रहे हैं,” और यह भी चेतावनी दी थी कि वे इस मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से करेंगे।

सरकार के लिए चुनौतियां

राजस्थान में आगामी विधानसभा सत्र बीजेपी सरकार के लिए कई चुनौतियां लेकर आएगा। विपक्ष के सवालों का जवाब देने के साथ-साथ सरकार को अपने ही विधायकों के असंतोष का समाधान करना होगा।

मुख्यमंत्री का कदम

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा विधायकों से संवाद का निर्णय एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। इसके माध्यम से वे अपनी पार्टी के विधायकों की समस्याओं और नाराजगी को समझने का प्रयास करेंगे।

संभावित मुद्दे

  • सरकारी योजनाओं का धीमा क्रियान्वयन

  • भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप

  • सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने में देरी

  • क्षेत्रीय विकास कार्यों में रुकावट

कैबिनेट बैठक और फीडबैक सत्र

शनिवार को कैबिनेट बैठक के बाद कोटा संभाग के विधायकों से चर्चा होगी। रविवार और सोमवार को अन्य संभागों के विधायकों से फीडबैक लिया जाएगा। सरकार इस फीडबैक का उपयोग बजट तैयार करने और विधानसभा में उठने वाले संभावित मुद्दों को हल करने के लिए करेगी।

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