बाली ( इंडोनेशिया ) – राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ( Vasudev Devnani ) का मंगलवार को बाली ( Bali ) स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। देवनानी ने भारतीय समुदाय और इंडोनेशियाई नागरिकों से मुलाकात की और भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश के लिए हर संभव समर्थन दिया जाएगा, और इस संबंध में केंद्र व राज्य सरकारें निवेशकों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। देवनानी के स्वागत में भारतीय समुदाय द्वारा भोज का आयोजन भी किया गया।
गांधी मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल में संवाद
देवनानी ( Devnani ) ने बाली के गांधी मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल ( Gandhi Memorial International School ) में शिक्षकों और छात्रों से नई शिक्षा नीति और शिक्षा के विविध मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि यहां 35 देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो विविधता और समृद्धि का प्रतीक है। देवनानी ने भारत की पारंपरिक गुरुकुल प्रणाली की चर्चा की, जो त्याग, अनुशासन, श्रम और मूल्य आधारित शिक्षा का प्रतीक है। उन्होंने महात्मा बुद्ध और भारत की गुरुकुल परंपरा के वैश्विक योगदान का भी उल्लेख किया।
प्राचीन शिक्षा प्रणाली का आदर्श और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विचार
देवनानी ने कहा कि वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक भारत की शिक्षा प्रणाली में गुरु-शिष्य परंपरा, छात्रों का शिक्षकों के प्रति सम्मान और मौखिक परंपरा से ज्ञान का संप्रेषण अनुकरणीय रहा है। उन्होंने भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों जैसे विक्रमशिला, तक्षशिला और नालंदा का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत का शैक्षिक और सांस्कृतिक योगदान दुनिया के लिए एक प्रेरणा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद भारत की शिक्षा प्रणाली लंबे समय तक औपनिवेशिक प्रभाव में रही, लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा में समग्र विकास को प्राथमिकता दी गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों के समग्र विकास पर केंद्रित है। नई नीति के तहत उच्च शिक्षा में मेजर, माइनर, ओपन इलेक्टिव और व्यावसायिक पाठ्यक्रम को भी बढ़ावा दिया गया है, जिससे छात्रों को व्यापक शिक्षा और कौशल विकास का अवसर मिले।
संस्कृत के प्रति रुचि पर चर्चा
बाली में भारतीय सिंधी समुदाय द्वारा संचालित इस विद्यालय के साथ ही देवनानी ने वहां संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों से भी मुलाकात की। शिक्षकों ने उन्हें बताया कि इंडोनेशिया में संस्कृत भाषा के प्रति रुचि है और यहां का इतिहास संस्कृत में लिखा गया है। देवनानी ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।