शोभना शर्मा । कोटा यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर डॉक्टर प्रवीण भार्गव से डिजिटल ठगी की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। ठग ने खुद को क्राइम ब्रांच में पोस्टेड अधिकारी बताकर भार्गव के बेटे को रेप के मामले में फंसाने की धमकी दी और उसे छोड़ने के एवज में 50,000 रुपए की मांग की। सतर्क एग्जाम कंट्रोलर ने तुरंत समझदारी से काम लेते हुए ठग को उलझाया और बातचीत रिकॉर्ड कर ली, जिससे ठगी की कोशिश असफल हो गई।
ठगी की शुरुआत
यह घटना मंगलवार सुबह करीब 9:30 बजे की है, जब डॉक्टर प्रवीण भार्गव को एक अनजान नंबर से वॉट्सऐप वॉइस कॉल आया। कॉल करने वाले की डीपी में किसी आईपीएस अधिकारी की फोटो लगी थी और अंग्रेजी में ‘क्राइम ब्रांच’ लिखा था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनका बेटा और उसके दोस्त सड़क पर खड़े थे, और उनमें से किसी ने एक लड़की का रेप किया है। ठग ने बताया कि उनके बेटे के दोस्तों को पकड़ लिया गया है और अगर वे उसे छोड़ना चाहते हैं, तो पैसों की जरूरत होगी।
ठग की चालाकी का पर्दाफाश
ठग की बातों से सतर्क होते हुए भार्गव ने ठग से उसके बेटे का नाम पूछा, जिस पर भार्गव ने गलत नाम और पेशा बताया। ठग ने बिना सोचे-समझे इसे सही मान लिया। यह देखकर भार्गव को शक हुआ कि यह मामला फर्जी हो सकता है, क्योंकि उनका बेटा उस समय कोटा में पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद भार्गव ने ठग को बातों में उलझाया और दोनों के बीच की बातचीत को अपने दूसरे मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया।
बेटे से करवाई बात
ठग ने भार्गव को उनके बेटे से बात करवाने का वादा किया। उसने फोन पर एक लड़के से बात करवाई जो रो रहा था। ठग ने लड़के को गाड़ी में डालकर ले जाने की धमकी दी। रोते हुए लड़के की आवाज सुनने के बाद भार्गव ने उससे पूछा कि उसने क्या किया था, जिस पर लड़के ने कहा कि वह सड़क पर खड़ा था और उसके दोस्तों के ऊपर एक लड़की का मामला था। भार्गव ने लड़के से उसकी बोलचाल में अंतर देखते हुए सवाल किया, जिससे ठग और ज्यादा उलझ गया।
ठग से हुई बातचीत
ठग ने बातचीत में पैसे की मांग की। उसने कहा कि 50,000 रुपए देकर वह इस मामले को खत्म कर सकता है। भार्गव ने ठग को उलझाते हुए कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं और सिर्फ 20,000 रुपए हैं। ठग ने कहा कि वह 40,000 रुपए लेगा, लेकिन भार्गव ने यह भी अस्वीकार कर दिया। इस दौरान ठग ने कहा कि वह नकद नहीं ले सकता और गूगल पे के जरिए पैसे ट्रांसफर करने को कहा। भार्गव ने साफ मना कर दिया और ठग को उलझाकर रख दिया।
साइबर थाने में दर्ज हुआ मामला
डॉ. प्रवीण भार्गव ने इस पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और इसे कोटा के साइबर थाने में जमा किया। साइबर थाना हेड कॉन्स्टेबल अर्जुन कुमार ने बताया कि ठग ने वर्चुअल नंबर से कॉल किया था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, सर्विस प्रोवाइडर से जानकारी लेकर जांच जारी है। यह घटना साइबर अपराध के प्रति सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत को दर्शाती है।
ठग से बचने के लिए सावधानी
अधिकारियों ने इस मामले में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। किसी भी अनजान नंबर से कॉल आने पर अपनी निजी जानकारी, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, या बैंक डिटेल्स साझा न करें। इसके साथ ही, वॉट्सऐप पर अगर वर्चुअल नंबर से कॉल आए तो उसे तुरंत रिपोर्ट कर ब्लॉक कर देना चाहिए। साइबर अपराध के मामलों में लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए पहले नंबर की सत्यता की जांच करें।