मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में पिछले एक साल से ‘पर्ची सरकार’ शब्द का उपयोग काफी बढ़ गया है। कांग्रेस पार्टी इस शब्द के माध्यम से भजनलाल सरकार पर लगातार हमले कर रही है। हाल ही में, बीजेपी के मंत्री अविनाश गहलोत ने भी इस शब्द का उपयोग करते हुए एक बयान दिया, जिसने सियासी पारा फिर से हाई कर दिया है।
अविनाश गहलोत का यह बयान एक कार्यक्रम के दौरान आया, जब उन्होंने कहा, “म्हारी तो सरकार पर्ची से चाले।” यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और कांग्रेस ने इसे बीजेपी सरकार पर निशाना साधने का एक अवसर माना। गोविंद सिंह डोटासरा ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, “अब तो खुद सरकार के मंत्री कह रहे हैं, भाजपा सरकार पर्ची से चलती है।”
इस बयान के बाद अविनाश गहलोत को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान मजाक में कहा गया था और इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। गहलोत ने बताया कि वह वसंत पंचमी के अवसर पर जैतारण विधानसभा के लाम्बिया गांव में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान किसी ने उन्हें एक पर्ची पकड़ाई, जिस पर उन्होंने मजाक में यह टिप्पणी की। गहलोत ने कहा, “मैंने कहा था कि पर्ची लाए हो क्या तो वह कह रहे थे हम पर्ची लेकर आए हैं। मैंने कहा काम कर देंगे, क्योंकि विपक्ष वाले कहते हैं कि हमारी जो सरकार है पर्ची से चलती है। इसमें एतराज किस बात का है?”
इस बयान ने राजस्थान की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए बीजेपी पर हमले तेज कर दिए हैं। गहलोत के बयान को लेकर विपक्ष ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिससे सियासी माहौल और गरम हो गया है। राजस्थान में ‘पर्ची सरकार’ का यह मुद्दा केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस शब्द का उपयोग कर भजनलाल सरकार की नीतियों और कार्यों पर सवाल उठाने का प्रयास किया है।