मनीषा शर्मा । बारिश का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, जिनमें से एक प्रमुख समस्या है यूरिक एसिड का बढ़ना। इस मौसम में यूरिक एसिड के मरीजों को अक्सर जोड़ों में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है, जिससे चलना भी मुश्किल हो जाता है। शरीर में यूरिक एसिड के उच्च स्तर को हाइपरयूरिसीमिया कहते हैं। इस समस्या में आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही कारगर साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के 5 आयुर्वेदिक उपचार।
1. गिलोय
गिलोय का सेवन यूरिक एसिड की समस्या में काफी आराम देता है। गिलोय के रस का रोजाना सेवन करने से शरीर से यूरिक एसिड निकालने में मदद मिलती है और इसका स्तर नियंत्रित रहता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करते हैं।
2. अदरक
अदरक का सेवन मानसून में यूरिक एसिड सहित कई बीमारियों से बचा सकता है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक का रस सेवन कर सकते हैं।
3. हल्दी
हल्दी का दूध या हल्दी पाउडर का सेवन भी यूरिक एसिड की समस्या में राहत दे सकता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक है।
4. त्रिफला
त्रिफला चूर्ण का सेवन यूरिक एसिड की समस्या से राहत दिला सकता है। यह पाचन को सुधारता है और शरीर से बैक्टीरिया को निकालने के साथ-साथ बढ़े हुए यूरिक एसिड को भी कंट्रोल करता है। त्रिफला का सेवन सुबह खाली पेट करना अधिक फायदेमंद होता है।
5. नीम
नीम के पत्तों का रस या नीम का तेल भी यूरिक एसिड की समस्या को बढ़ने नहीं देता है। नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। नीम का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे नीम की चाय या नीम का पेस्ट बनाकर।
इन आयुर्वेदिक उपचारों को रोजाना अपनाकर आप यूरिक एसिड की समस्या से राहत पा सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आयुर्वेदिक उपचार के साथ-साथ स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम भी आवश्यक है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।