मनीषा शर्मा। राजस्थान के एक सरकारी शिक्षक मुकेश गुर्जर, जो कि अब ‘मुकेशानंद’ के नाम से तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक करने का दावा करता है, पर ग्रामीणों ने ठगी और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है। मुकेश गुर्जर, जो एक सरकारी विद्यालय में विज्ञान का शिक्षक है, अब झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के जरिए पथरी और अन्य बीमारियों का इलाज करने का दावा करता है। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय ग्रामीणों ने उसके खिलाफ सरकारी जमीन पर कब्जा करने और लोगों को ठगने की शिकायत की।
मुकेश गुर्जर का परिवर्तित जीवन
मुकेश गुर्जर, जिसकी उम्र 35 वर्ष है, पहले एक सामान्य विज्ञान शिक्षक था, लेकिन अब उसने खुद को ‘मुकेशानंद’ के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। 2017 में सरकारी सेवा में भर्ती हुए मुकेश की पहली पोस्टिंग जालोर जिले में हुई थी, और 2021 से वह सुमेरपुर गांव के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान और अन्य विषयों को पढ़ाता है। लेकिन पिछले 6 महीनों में उसकी जिंदगी और पहचान पूरी तरह बदल गई है। उसने गांव के पास एक आश्रम बना लिया है, जिसका नाम उसने ‘सिद्धेश्वर बालाजी आश्रम’ रखा है, और यहां से वह तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के जरिए इलाज करने का दावा करता है।
सरकारी स्कूल की नौकरी छोड़ बना तांत्रिक
मुकेश गुर्जर ने न केवल अपने पेशे से ध्यान हटाया, बल्कि अब उसने अधिकतर समय स्कूल जाने की जगह अपने आश्रम में बिताना शुरू कर दिया है। स्कूल में पढ़ाने वाले उसके साथी शिक्षक बताते हैं कि पिछले 6 महीनों से उसकी पर्सनैलिटी में जबरदस्त बदलाव आया है। उसने स्कूल आना काफी कम कर दिया है और उसकी सरकारी छुट्टियां भी खत्म हो चुकी हैं। वह बच्चों को विज्ञान पढ़ाने से ज्यादा अपने आश्रम पर ध्यान देने लगा है।
ग्रामीणों के आरोप: ‘मुकेशानंद’ कर रहा है ठगी और अतिक्रमण
धणी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि मुकेश गुर्जर उर्फ ‘मुकेशानंद’ ने गोचर भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और झाड़-फूंक के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठग रहा है।
ठगी के शिकार लोगों की आपबीती
गांव के रहने वाले तेजाराम बताते हैं, “मुझे चलने में परेशानी थी और जब गांव के लोग बाबा के पास जाने लगे तो मैं भी गया। बाबा ने कहा कि पूजा करवाने से मैं दौड़ने लगूंगा। मैंने तीन महीने तक चक्कर काटे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में पता चला कि बाबा झूठा है और जमीन पर कब्जा करने के लिए यह सब कर रहा है।”
ध्वजाराम नामक व्यक्ति, जो पथरी की समस्या से पीड़ित था, ने बताया, “बाबा ने मुझसे हवन करवाने के लिए ₹4,500 लिए, लेकिन मेरी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। उसने सिर्फ मुझे और अन्य लोगों को धोखा दिया।”
गुढ़ालाज गांव के होगुडराम ने भी बताया कि बाबा ने उनसे ₹4,000 लेकर हवन करवाया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। वे बाबा को ठग बताते हैं जो भोली-भाली जनता से पैसे ऐंठ रहा है।
आश्रम में तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक
मुकेश गुर्जर का दावा है कि वह तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के जरिए लोगों की बीमारियों और समस्याओं का समाधान कर सकता है। उसने अपने आश्रम में लोगों को हवन-पूजन करवाकर उनकी बीमारियों को दूर करने का दावा किया। यहां तक कि उसने पथरी जैसी बीमारियों का इलाज करने का दावा भी किया। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि मुकेश का असली मकसद गोचर भूमि पर कब्जा करना और भोले-भाले लोगों को ठगना है।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा?
धणी गांव के ग्रामीणों ने 27 अक्टूबर को बाली उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने मुकेश गुर्जर द्वारा सरकारी गोचर भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि उसने सरकारी जमीन पर बिना किसी अनुमति के आश्रम बना लिया है और अब इसे अपना निजी आश्रम बना दिया है। हालांकि, वन विभाग के हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि वह जमीन वन विभाग की नहीं है, जबकि ग्राम पंचायत के विकास अधिकारी रामचंद्र यादव ने कहा कि यह राजस्व भूमि है और इसमें कार्रवाई का अधिकार पटवारी के पास है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
गांव के लोगों की शिकायतों के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी धनाराम सोलंकी ने बताया कि उन्हें मुकेश गुर्जर के खिलाफ शिकायत मिली है और इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम पंचायत गुडलास के विकास अधिकारी ने कहा कि इस आश्रम को बनाने की किसी भी तरह की अनुमति नहीं दी गई है, और बिजली विभाग ने गलत तरीके से आश्रम को कनेक्शन दिया है।
मुकेश का बचाव
वहीं, मुकेश गुर्जर उर्फ ‘मुकेशानंद’ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि वह लोगों की सेवा कर रहा है और उन पर ईश्वर की कृपा है। उसने यह भी कहा कि वह अपनी शिक्षक की जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से समर्पित है और बच्चों की पढ़ाई में कोई समझौता नहीं करता।