शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और जयपुर की महिला थानेदार कविता शर्मा के बीच विवाद गहराया। इस मामले ने राज्य सरकार और पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्री मीणा ने थानेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कविता शर्मा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल की है और वह कांग्रेस के शासनकाल से लेकर वर्तमान में भी राजनीतिक संरक्षण का लाभ ले रही हैं। दूसरी ओर, थानेदार ने मंत्री पर राजकार्य में बाधा डालने और कानून के काम में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
यह मामला उस वक्त सामने आया जब मंत्री मीणा ने कविता शर्मा पर देर रात दो महिलाओं को घर से उठाने और उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया। मीणा ने यह भी कहा कि महिलाओं को बचाने के प्रयास में उनके खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया गया।
विवाद की शुरुआत: महिलाओं को उठाने का आरोप
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि जयपुर पुलिस की सीआई (सर्कल इंस्पेक्टर) कविता शर्मा देर रात मंजू शर्मा और ममता गुर्जर नामक दो महिलाओं को उनके घर से उठाने गई थीं। मीणा का कहना है कि उन्हें सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और महिलाओं को बचाने का प्रयास किया। लेकिन इसके बाद, उनके खिलाफ ही पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। मीणा ने कहा, “मुझसे गलती हो गई कि मैं मौके पर गया। मैंने महिलाओं को बचाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बदले मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अब मैं ऐसे मामलों में दखल नहीं दूंगा।”
थानेदार कविता शर्मा पर मीणा के आरोप
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने थानेदार कविता शर्मा पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शर्मा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल की है। मीणा ने इस मामले की शिकायत गृह राज्य मंत्री से भी की है। उन्होंने कहा, “कविता शर्मा इतनी प्रभावशाली हैं कि कांग्रेस शासनकाल में भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब भी उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।” मीणा ने यह भी सवाल उठाया कि एक थानेदार कैसे इतना शक्तिशाली हो सकता है कि वह किसी भी नेता या मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करवा सके।
कविता शर्मा का पक्ष: राजकार्य में बाधा का आरोप
थानेदार कविता शर्मा ने इस विवाद में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मंत्री मीणा ने राजकार्य में बाधा डाली। उन्होंने अपनी रोजनामचा रिपोर्ट में लिखा कि मंत्री ने उनके काम में हस्तक्षेप किया और कानून के पालन में बाधा पहुंचाई। शर्मा ने दावा किया कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कार्रवाई की थी और किसी भी प्रकार की राजनीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
मंत्री मीणा की प्रेस कॉन्फ्रेंस और सरकार पर सवाल
शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने न केवल थानेदार कविता शर्मा बल्कि अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “यह कैसी सरकार है जहां एक मंत्री के खिलाफ ही मामला दर्ज किया जाता है? यह पूरी घटना दिखाती है कि हमारी सरकार में भी पुलिस तंत्र पर कोई नियंत्रण नहीं है।” मीणा ने आगे कहा, “अगर हमारी ही सरकार में हमें न्याय नहीं मिलेगा, तो आम जनता का क्या होगा? यह मामला सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की खामियों को उजागर करता है।”
विवाद से राजस्थान की राजनीति में हलचल
इस घटना ने राजस्थान की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक इसे उनके खिलाफ साजिश बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे सरकार की कमजोरी और पुलिस के अति-सशक्तिकरण का उदाहरण बता रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला केवल एक मंत्री और थानेदार के बीच का विवाद नहीं है, बल्कि यह सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी को दर्शाता है।
इस विवाद का संभावित असर
राजनीतिक माहौल पर प्रभाव: इस मामले ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया है।
पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल: पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली और राजनीतिक संरक्षण के आरोपों ने नई बहस छेड़ दी है।
मंत्री की स्थिति कमजोर हुई: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का खुद अपनी ही सरकार पर सवाल उठाना उनके राजनीतिक करियर के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
आम जनता का नजरिया: इस विवाद ने जनता के बीच प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर संदेह पैदा किया है।