शोभना शर्मा। जयपुर के भांकरोटा इलाके में पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक और उसके सहयोगी को फर्जी दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया है। डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार के अनुसार, पकड़े गए बांग्लादेशी का नाम नोजु फकीर (45) है, जबकि उसके साथी का नाम फिरौज कुरैशी (40) है। पुलिस को नोजु फकीर के पास से फर्जी आधार कार्ड मिला है, जिसमें उसकी उम्र गलत तरीके से 18 साल दर्ज की गई है, जबकि उसकी असली उम्र 45 साल है।
इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने नोजु फकीर के फर्जी दस्तावेजों को बनाने में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। इसमें फिरौज कुरैशी का भाई मोहम्मद आमिर उर्फ राजा भी संदिग्ध बताया जा रहा है। इसी के साथ पुलिस ने पहले भी बांग्लादेशी नागरिक सोहाग खान को उसके परिवार के साथ गिरफ्तार किया था, जिसके पास से भी कई फर्जी भारतीय दस्तावेज बरामद हुए थे। पुलिस को सोहाग खान के खिलाफ चेन्नई में एक धोखाधड़ी और पासपोर्ट एक्ट का मामला दर्ज होने की जानकारी भी मिली है, जिसमें वह वांछित है।
भांकरोटा पुलिस को 20 अक्टूबर को एक गुप्त सूचना के आधार पर इलाके में बांग्लादेशी नागरिकों के रहने की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए 12 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ के दौरान बांग्लादेश के दस्तावेजों के साथ भारतीय दस्तावेज भी पाए गए। इनमें पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, श्रम कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज शामिल थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों में बांग्लादेशी सोहाग खान, उसकी पत्नी नसरीन खानम, बेटे मोबाइल खान, और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं। इनके साथ ही भारतीय नागरिक उस्मान खान, जो उनके दस्तावेज बनाने में मदद कर रहा था, को भी हिरासत में लिया गया। सोहाग खान ने पूछताछ में बताया कि उसके भारतीय दस्तावेज उसके सहयोगियों फिरोज कुरैशी और मोहम्मद आमिर के माध्यम से बनवाए गए थे।
इस पूरे मामले में पुलिस के सामने कई नए खुलासे हुए हैं। डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के अनुसार, पिछले दिनों बांग्लादेश में एक महिला को पकड़ा गया था जिसने जयपुर में कई बांग्लादेशी नागरिकों के पहचान छिपाकर रहने और धोखाधड़ी में शामिल होने का खुलासा किया। इसके बाद जयपुर कमिश्नरेट को बांग्लादेश से इनपुट मिला कि जयपुर में कई बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से रह रहे हैं।
इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय की सीआईडी सीबी की एक रिपोर्ट के आधार पर जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके में 1985 में पाकिस्तान से आई महिला साजिया रियाज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। साजिया रियाज ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड और जनआधार कार्ड बनवाया था। पुलिस ने महिला से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की कि किसके सहयोग से उसने ये फर्जी दस्तावेज बनवाए।
जयपुर में बढ़ती फर्जी दस्तावेजों के मामले को देखते हुए पुलिस ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। जयपुर कमिश्नरेट की टीम ने सभी संदिग्धों की पहचान करने के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया है और अन्य शहरों में भी इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
इस घटना से यह साफ हो गया है कि जयपुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए गैर-भारतीय नागरिक रह रहे हैं। पुलिस के अनुसार, इन मामलों में स्थानीय सहयोगियों की भी भूमिका होती है, जो दस्तावेजों के फर्जीवाड़े में उनकी मदद करते हैं।