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एफडी तोड़ने से पहले जानें लोन अगेंस्ट एफडी के फायदे और नुकसान

एफडी तोड़ने से पहले जानें लोन अगेंस्ट एफडी के फायदे और नुकसान

शोभना शर्मा, अजमेर।  जब कभी पैसों की अचानक जरूरत पड़ती है, तो पहला ख्याल अपनी बचत यानी एफडी (Fixed Deposit) तोड़ने का आता है। हालांकि, ऐसा करना हमेशा सही नहीं होता। कई स्थितियों में आप एफडी पर लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं, जिससे आपकी बचत सुरक्षित रहती है और लंबे समय तक उसका फायदा मिलता है।

एफडी तोड़ने पर नुकसान क्या हैं?

एफडी समय से पहले तोड़ने पर आपको कम ब्याज मिलता है। मान लें, आपकी एफडी पर 7% ब्याज है। समय से पहले तोड़ने पर यह घटकर 5.5% तक आ सकता है। बैंक आमतौर पर एफडी तोड़ने पर 1% तक का पेनाल्टी चार्ज करते हैं। एफडी तोड़ने से आपकी बचत घट जाती है, जो भविष्य में आपके लिए सहारा बन सकती थी।

एफडी पर लोन लेना क्यों बेहतर है?

यदि आपको पैसों की जरूरत है, तो एफडी पर लोन लेना फायदे का सौदा हो सकता है।

  1. कम ब्याज दर:
    • एफडी पर लोन का ब्याज दर आमतौर पर एफडी की ब्याज दर से 1.5-2% ज्यादा होता है।
    • उदाहरण के लिए, यदि आपकी एफडी पर ब्याज दर 7% है, तो लोन पर ब्याज 8.5-9% होगा।
  2. बचत सुरक्षित:
    लोन लेने से आपकी एफडी सुरक्षित रहती है और मेच्योरिटी तक जारी रहती है।
  3. प्रक्रिया आसान:
    एफडी पर लोन लेना आसान और तेज प्रक्रिया है।

कब एफडी तोड़नी चाहिए?

  1. छोटी अवधि की एफडी:
    यदि आपकी एफडी को शुरू हुए सिर्फ कुछ महीने हुए हैं और आपको बहुत ज्यादा रकम की जरूरत है, तो एफडी तोड़ सकते हैं।
  2. 70% से अधिक जरूरत:
    जब आपको एफडी अमाउंट का 70-90% तक पैसा चाहिए और अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं हैं।
  3. लंबी अवधि का इंतजार संभव नहीं:
    अगर आपकी एफडी की मेच्योरिटी बहुत दूर है और पैसे की तुरंत जरूरत है।

कब लोन लेना बेहतर है?

  1. 20-30% जरूरत:
    यदि आपको एफडी राशि का 20-30% पैसा चाहिए, तो लोन लेना सही रहेगा।
  2. लंबी अवधि की एफडी:
    जब एफडी को शुरू हुए 6 महीने या उससे अधिक समय हो चुका हो।
  3. कम पेनाल्टी से बचने के लिए:
    लोन लेने पर आपकी एफडी मेच्योरिटी पर पूरा ब्याज देती है।

लोन अगेंस्ट एफडी के फायदे और सीमाएं

फायदे:

  • आसान प्रक्रिया
  • फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक ब्याज न खोना
  • कोई क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं

सीमाएं:

एफडी का एक निश्चित प्रतिशत ही लोन के रूप में मिलता है (आमतौर पर 80-90%)। ब्याज दर सामान्य पर्सनल लोन से कम होती है, लेकिन यह फिर भी लागत बढ़ा सकती है।

पैसों की जरूरत के समय एफडी तोड़ने और लोन लेने के बीच सही विकल्प चुनना जरूरी है। यदि जरूरत कम है और एफडी की मेच्योरिटी नजदीक है, तो लोन लेना बेहतर है। वहीं, यदि आवश्यकता बड़ी है और एफडी नई है, तो इसे तोड़ना सही हो सकता है।

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