मनीषा शर्मा। जयपुर नगर निगम हेरिटेज ने राइजिंग राजस्थान से पहले शहर को सुंदर, स्वच्छ और भिखारी मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। 9 से 11 दिसंबर तक होने वाले इस आयोजन में दुनियाभर से निवेशक जयपुर आएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने शहर की छवि सुधारने के लिए यह कदम उठाया है। अभियान के तहत अब तक 60 से ज्यादा भिखारियों को रेस्क्यू कर पुनर्वास केंद्र में भेजा गया है। इन पुनर्वास केंद्रों में रेस्क्यू किए गए भिखारियों के लिए रहने, भोजन और स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग देने की भी योजना बनाई गई है।
नगर निगम का व्यापक अभियान
नगर निगम हेरिटेज के कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने बताया कि भिखारियों को शहर की सड़कों से हटाने और पुनर्वास केंद्रों में भेजने का अभियान 24 नवंबर से शुरू किया गया। यह अभियान जयपुर के मुख्य चौराहों, कॉलोनियों और बाजारों में चलाया जा रहा है। हसीजा ने कहा कि सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है, और सड़कों पर रहने वाले भिखारी मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। अभियान का उद्देश्य न केवल उन्हें ठंड से बचाना है, बल्कि उन्हें स्थायी रूप से सड़कों से हटाकर एक सुरक्षित जीवन प्रदान करना है।
पुनर्वास केंद्रों में सुविधाएं
रेस्क्यू किए गए भिखारियों को पुनर्वास केंद्र में पहुंचाने के बाद उन्हें भोजन और रहने की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही, उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इन लोगों की जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है। यह पहल केवल अस्थायी समाधान नहीं है। नगर निगम ने सुनिश्चित किया है कि पुनर्वास केंद्रों में भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाए। यह प्रशिक्षण उनकी रुचि और कौशल के अनुसार होगा, ताकि वे एक स्थायी आजीविका कमा सकें।
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
नगर निगम के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाना है। निगम की योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को उनकी रुचि के अनुसार अलग-अलग प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें सिलाई-कढ़ाई, बुनाई, सफाई, छोटे व्यवसाय चलाने जैसे कौशल शामिल हो सकते हैं। हसीजा ने कहा कि अगर आम जनता भी इस अभियान में सहयोग करे, तो जयपुर को भिखारी मुक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने अपील की कि लोग सड़कों पर भीख मांगने वालों को पैसे देने के बजाय उन्हें पुनर्वास केंद्रों में जाने के लिए प्रेरित करें।
राइजिंग राजस्थान का उद्देश्य और जयपुर की तैयारी
राइजिंग राजस्थान एक प्रमुख आयोजन है, जिसमें दुनियाभर के निवेशक और प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसका उद्देश्य राजस्थान में निवेश और विकास को बढ़ावा देना है। ऐसे में, जयपुर की छवि को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम ने स्वच्छता और पुनर्वास जैसे कदम उठाए हैं। इस आयोजन से पहले, जयपुर की सड़कें, चौराहे, और अन्य प्रमुख स्थल न केवल साफ-सुथरे बनाए जा रहे हैं, बल्कि सामाजिक समस्याओं को भी हल करने की कोशिश की जा रही है। भिखारी मुक्त अभियान इसका प्रमुख उदाहरण है।
सामाजिक संस्थाओं का सहयोग
इस अभियान में नगर निगम को कई सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग मिल रहा है। ये संस्थाएं पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोगों को भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं। इन संस्थाओं का उद्देश्य केवल शहर को स्वच्छ बनाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि रेस्क्यू किए गए लोगों को एक बेहतर जीवन जीने का मौका मिले।
भविष्य की योजनाएं
जयपुर नगर निगम का यह अभियान राइजिंग राजस्थान तक सीमित नहीं रहेगा। हसीजा ने बताया कि यह एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है। इस अभियान का उद्देश्य केवल भिखारियों को सड़कों से हटाना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज का सक्रिय सदस्य बनाना है। इस दिशा में, नगर निगम नियमित रूप से पुनर्वास केंद्रों का निरीक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वहां रहने वाले लोगों को आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं।
जयपुर को भिखारी मुक्त बनाने की चुनौती
जयपुर जैसे बड़े शहर में भिखारी मुक्त अभियान को पूरी तरह सफल बनाना आसान नहीं है। इसके लिए प्रशासन, सामाजिक संस्थाओं, और आम जनता के बीच समन्वय आवश्यक है। शहर के प्रमुख स्थानों पर भीख मांगने वाले लोगों को पुनर्वास केंद्र में भेजने के बाद, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे पुनः सड़कों पर न लौटें। इसके लिए उनके पुनर्वास और रोजगार की व्यवस्था पर लगातार ध्यान देना होगा।
जयपुर नगर निगम का यह प्रयास केवल राइजिंग राजस्थान के लिए नहीं, बल्कि शहर के लिए एक नया अध्याय लिखने का कदम है। भिखारी मुक्त जयपुर न केवल शहर की सुंदरता को बढ़ाएगा, बल्कि इससे सामाजिक समस्याओं का भी समाधान होगा।