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ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन में राजयोग से नववर्ष की शुरुआत

ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन में राजयोग से नववर्ष की शुरुआत

शोभना शर्मा। आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन परिसर में नए साल का स्वागत एक विशेष आध्यात्मिक माहौल में किया गया। परमात्म अनुभूति शिविर में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र और तेलंगाना से 20,000 से अधिक लोग पहुंचे। इस शिविर का उद्देश्य लोगों को अपने जीवन में आध्यात्मिक प्रगति के लिए प्रेरित करना और राजयोग के माध्यम से मानसिक शांति व ऊर्जा प्राप्त करना था।

ब्रह्ममुहूर्त में राजयोग मेडिटेशन

नववर्ष की शुरुआत ब्रह्ममुहूर्त में की गई। सुबह 3 बजे अमृतवेला योग का अभ्यास करते हुए प्रतिभागियों ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर शांतिवन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी, वरिष्ठ दीदी, और भाईयों ने कैंडल लाइटिंग के जरिए नए साल का स्वागत किया।

दादी रतन मोहिनी ने अपने प्रेरणादायक संदेश में कहा, “नए साल में उमंग और उत्साह के साथ परमात्मा की शिक्षाओं पर चलने का संकल्प करें। अपने श्रेष्ठ कर्मों से दूसरों का दिल जीतें और दुआएं लें। इस वर्ष का हर पल सफल बनाएं और समाज को सुख-शांति का संदेश दें।”

आध्यात्मिक उन्नति और योग-साधना पर जोर

महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन भाई ने इस मौके पर कहा कि परमात्मा की शिक्षाओं के अनुसार हमें योग-तपस्या में प्रगति करनी चाहिए। “बेहद वैराग्य वृत्ति अपनाने से ही हम संपूर्णता की ओर बढ़ सकते हैं,” उन्होंने कहा।

संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी का जीवन आदर्श और प्रेरक बने। हर परिस्थिति में आत्मबल को बनाए रखें। यह संकल्प लेकर जाएं कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाएंगे।”

महाराष्ट्र जोन की निदेशिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी ने बाबा के संदेश का जिक्र करते हुए कहा, “हमें अपने जीवन को निष्कलंक और निर्वाण स्थिति में लाना है। जैसे हमारे संकल्प होंगे, वैसा ही हमारा जीवन बनेगा। घर को मंदिर और परिवार को सुखमय बनाने का प्रयास करें।”

विशेष पुरुषार्थ का महीना

राजयोगी बीके राजू भाई ने जनवरी माह की विशेषता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसी माह में ब्रह्मा बाबा ने योग-साधना और तपस्या के माध्यम से संपूर्णता की स्थिति प्राप्त की थी। “यह माह हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपनी साधना को तीव्र करें और अपने जीवन को दिव्य और महान बनाएं।”

इस अवसर पर अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई, संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके शशि दीदी, ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्ढा, मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश भाई समेत कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। देश-विदेश से आए भक्तों ने इस आध्यात्मिक आयोजन में भाग लिया।

शिविर की विशेषताएं और अनुभव

शिविर में योग-साधना के विभिन्न सत्र आयोजित किए गए। प्रतिभागियों को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से आत्मशांति और मानसिक सशक्तिकरण का अनुभव कराया गया। ब्रह्माकुमारीज के प्रशिक्षकों ने परमात्मा के साथ संबंध जोड़ने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के गुर सिखाए।

शिविर में प्रतिभागियों ने आध्यात्मिक उन्नति के लिए अपने संकल्पों को साझा किया। “यह शिविर हमें अपने विचारों को शुद्ध और सकारात्मक बनाने का अवसर देता है,” एक प्रतिभागी ने कहा।

दादी रतन मोहिनी का संदेश

दादी रतन मोहिनी ने अपने प्रेरणादायक संदेश में कहा, “हमारे श्रेष्ठ कर्म हमारे जीवन को सुखमय बनाते हैं। नए साल में अपने पुण्य के खाते को बढ़ाएं और सभी को दुआएं दें। समाज में ईश्वरीय संदेश फैलाने का संकल्प लें ताकि हर व्यक्ति अपने जीवन में शांति और संतोष प्राप्त कर सके।”

नववर्ष के लिए संदेश

इस आयोजन के माध्यम से ब्रह्माकुमारीज ने एक गहन संदेश दिया कि नए साल को केवल उत्सव का प्रतीक न बनाएं, बल्कि इसे अपने जीवन में आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनाएं। राजयोग और साधना के द्वारा अपने मन और आत्मा को शुद्ध करें।

 

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