मनीषा शर्मा। हनुमानगढ़ जिले के टाउन थाना क्षेत्र में कांग्रेस नेता के बेटे के फार्महाउस पर पुलिस ने डॉग फाइटिंग के अवैध रैकेट का पर्दाफाश किया। इस कार्रवाई में 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया और विदेशी नस्ल के 19 प्रतिबंधित कुत्तों को बरामद किया गया। पुलिस ने मौके से 15 वाहन और कुछ लाइसेंसी हथियार भी जब्त किए।
पुलिस का छापा और गिरफ्तारी
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरशद अली के नेतृत्व में इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। छापा पड़ने पर कुछ लोग दीवार कूदकर भागने की कोशिश में सफल हो गए, लेकिन 81 लोगों को मौके पर ही पकड़ लिया गया। इन गिरफ्तार व्यक्तियों में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के विभिन्न शहरों के लोग शामिल हैं।
मुख्य आरोपी और उनके नाम
एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपियों में प्रवीण खान, रविंद्र कुमार, कार्तिक जाट, आकाश जटसिख, गगनदीप ओलखा, प्रहलाद, संजय गोस्वामी, नियाज मोहम्मद, हेमंत कुमार, बरकत अली, विश्वजीत, महावीर सिंह, संदीप कुमार सहित अन्य लोग शामिल हैं।
आरोपियों के लिए जगह की कमी
गिरफ्तार लोगों की संख्या इतनी अधिक थी कि थाने की हवालात छोटी पड़ गई। पुलिस को आरोपियों को खुले आसमान के नीचे बैठाना पड़ा। मेडिकल जांच के लिए पुलिस लाइन से बस बुलानी पड़ी।
सोशल मीडिया पर “बुल्ली ग्रुप” का नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपियों ने डॉग फाइटिंग को संगठित करने के लिए सोशल मीडिया पर एक “बुल्ली ग्रुप” बना रखा था।
ग्रुप के मेंबर: करीब 250
गतिविधियां: ग्रुप के माध्यम से डॉग फाइटिंग का स्थान और समय निर्धारित किया जाता था।
सट्टेबाजी: हर फाइट पर करोड़ों रुपये का सट्टा लगता था।
विदेशी नस्ल के प्रतिबंधित कुत्ते
केंद्र सरकार द्वारा पिटबुल, टोसा इनु, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटविलर, और वोल्फ डॉग सहित 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कारण:
इन नस्लों की आक्रामकता और हमलों की घटनाओं में बढ़ोतरी।
इन नस्लों के कुत्ते जबड़े की लॉकिंग क्षमता के कारण बेहद खतरनाक माने जाते हैं।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
एसपी अरशद अली ने बताया कि हाल के वर्षों में इन नस्लों के कुत्तों द्वारा किए गए हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
दिल्ली: एक पिटबुल ने बच्ची पर हमला कर उसके पैर तीन जगह से तोड़ दिए।
गाजियाबाद: पिटबुल के हमले से एक 10 वर्षीय बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ।
लखनऊ: जिम मालिक के पिटबुल ने उसकी मां की जान ले ली।