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भजनलाल सरकार ने गहलोत राज की 7 योजनाओं के नाम बदले

भजनलाल सरकार ने गहलोत राज की 7 योजनाओं के नाम बदले

मनीषा शर्मा । राजस्थान में उपचुनाव की प्रक्रिया के बीच, राज्य सरकार ने सात प्रमुख सरकारी योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। ये सभी योजनाएं महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित थीं, और इनमें ‘इंदिरा’ नाम जुड़ा हुआ था, जो अब हटा दिया गया है। इसके स्थान पर राजस्थान की वीर महिलाओं के नाम जोड़े गए हैं, जैसे कालीबाई भील और पन्नाधाय। इस बदलाव का उद्देश्य राज्य की ऐतिहासिक और वीर महिलाओं के योगदान को सम्मानित करना है, साथ ही इसे एक चुनावी रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।

तीन योजनाओं को मर्ज कर दिया गया

भाजपा सरकार ने तीन प्रमुख योजनाओं को एक साथ मर्ज कर दिया है और इनका नाम बदलकर कालीबाई भील संबल योजना रखा गया है। पहले ये योजनाएं निम्नलिखित नामों से जानी जाती थीं:

  1. इंदिरा महिला शक्ति उड़ान योजना
  2. इंदिरा महिला शक्ति जागरूकता शिक्षा कार्यक्रम
  3. इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान योजना

इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और शिक्षा व जागरूकता बढ़ाना था। अब तीनों योजनाएं कालीबाई भील संबल योजना के नाम से चलाई जाएंगी, जिससे महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। कालीबाई भील को राजस्थान की वीर महिलाओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया था।

दो योजनाओं को मिलाकर मिला नया नाम

इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना (RSCSCEP) और इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना (IMSUPY) को मर्ज करके अब एक नई योजना बनाई गई है, जिसका नाम मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना रखा गया है।

इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना था। जहां एक योजना महिलाओं को संचार कौशल और अंग्रेजी सिखाने पर केंद्रित थी, वहीं दूसरी योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ऋण सुविधा प्रदान करती थी। अब इन योजनाओं के मर्ज होने से एक व्यापक योजना बन गई है, जो महिलाओं के व्यावसायिक और कौशल विकास में मदद करेगी।

पन्नाधाय के नाम पर दो और योजनाओं का मर्जर

भजनलाल सरकार ने इंदिरा महिला शक्ति सम्मान एवं प्रोत्साहन योजना और इंदिरा महिला शक्ति केंद्र योजना को भी मर्ज कर दिया है। अब इन योजनाओं को पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान योजना के नाम से जाना जाएगा। पन्नाधाय, जो मेवाड़ की वीर महिला थीं, ने अपने बेटे का बलिदान देकर मेवाड़ के राजवंश को बचाया था। यह योजना महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा पर केंद्रित होगी, जिसमें पन्नाधाय जैसी वीर माताओं की कहानी को प्रोत्साहित किया जाएगा।

नाम बदलने के पीछे की मंशा

सरकार ने ये नाम परिवर्तन चुनाव से ठीक पहले किए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि ये बदलाव जनता के बीच एक नया संदेश देने के उद्देश्य से किए गए हैं। जहां पहले इन योजनाओं में इंदिरा गांधी जैसी राष्ट्रीय नेत्री का नाम जुड़ा था, अब उन्हें राजस्थान की वीर महिलाओं के नाम से जोड़ा गया है। इससे यह संभावना बनती है कि सरकार राजस्थान के लोगों के बीच स्थानीय पहचान और संस्कृति को बढ़ावा देना चाहती है।

इसके साथ ही, नाम बदलने का उद्देश्य महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली इन योजनाओं को एक नया आयाम देना भी है। नाम बदलने से योजनाओं के लक्ष्यों में कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि उन्हें मर्ज कर योजनाओं का प्रभाव और दायरा बढ़ाने का प्रयास किया गया है।

 

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