मनीषा शर्मा। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के इतिहास में सबसे बड़े पेपर लीक घोटालों में से एक, सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 पेपर लीक के मामले में एसओजी (विशेष ऑपरेशन ग्रुप) ने आरपीएससी के दो वरिष्ठ सदस्यों की भूमिका का पर्दाफाश किया है। यह मामला न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की गोपनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि आरपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था में गहरे भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर करता है।
कटारा और राईका का पेपर लीक कनेक्शन
अप्रैल 2023 में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को एसओजी ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2022 पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार किया था। एसओजी की जांच में खुलासा हुआ कि कटारा ने अपने आधिकारिक निवास पर तत्कालीन वाइस प्रिंसिपल अनिल कुमार उर्फ शेर सिंह मीणा को बुलाकर हस्तलिखित सॉल्वड पेपर प्रदान किया था। यह पेपर बाद में माफियाओं द्वारा बेच दिया गया, जिससे सैकड़ों अभ्यर्थियों तक यह पहुंच गया।
हाल ही में, एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 का पेपर भी कटारा द्वारा लीक किया गया था। आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका ने खुलासा किया कि उसे भी कटारा ने ही सॉल्वड पेपर प्रदान किया था। फिलहाल, दोनों सदस्य एसओजी की रिमांड पर हैं और उनसे गहन पूछताछ जारी है।
भर्ती प्रक्रिया में दो तरह की गड़बड़ियां
सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में दो प्रमुख तरीकों से गड़बड़ियां की गईं। पहली गड़बड़ी में लिखित परीक्षा का पेपर लीक किया गया, जिसे माफियाओं ने भारी रकम लेकर दर्जनों अभ्यर्थियों को पढ़ाया। इस सॉल्वड पेपर की मदद से कई अयोग्य अभ्यर्थियों ने 80 से 90 प्रतिशत अंक हासिल कर लिए और चयनित हो गए।
दूसरी गड़बड़ी में डमी अभ्यर्थियों को असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा में बैठाया गया। फर्जी अभ्यर्थियों ने अच्छे अंक प्राप्त कर लिए और उनका चयन सब इंस्पेक्टर पद पर हो गया। एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि इस गड़बड़ी में शामिल कई माफिया और डमी अभ्यर्थी गिरोह के सदस्य भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
अब तक की कार्रवाई: 63 गिरफ्तारियां
एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक और फर्जी अभ्यर्थियों के मामले में एसओजी ने अब तक 63 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 42 चयनित थानेदार शामिल हैं, जिनमें से कुछ महिला अभ्यर्थी भी हैं। ये सभी गिरफ्तारियां पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों की मदद से चयनित हुए उम्मीदवारों के संबंध में की गई हैं।
एसओजी की जांच में यह भी पता चला है कि बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका को विभिन्न सरकारों के कार्यकाल के दौरान आरपीएससी में नियुक्त किया गया था। कटारा को कांग्रेस सरकार के समय में नियुक्त किया गया था, जबकि राईका को भाजपा सरकार के दौरान आरपीएससी में शामिल किया गया था। इनके अलावा, पेपर लीक माफिया जगदीश बिश्नोई और अन्य गिरोह के सदस्य भी एसओजी की गिरफ्त में हैं।
यह पेपर लीक घोटाला राजस्थान में भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एसओजी की जांच अभी जारी है, और इस मामले में और भी कई खुलासे होने की संभावना है।