मनीषा शर्मा। भजनलाल सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उपयोगिता को बढ़ाने के उद्देश्य से 190 स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है। इनमें से 169 स्कूल ऐसे थे, जहां छात्र संख्या शून्य थी। यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है।
169 स्कूलों में छात्र शून्य, 21 स्कूलों का विलय
इनमें से 21 स्कूलों को पास के अन्य स्कूलों में विलय कर दिया गया है। बंद किए गए स्कूलों में से 20 स्कूल जोधपुर जिले से हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है। राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में संसाधनों के सही उपयोग को बढ़ावा देने की ओर एक बड़ा प्रयास है।
शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश
राज्य के प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इन स्कूलों को बंद करने और 21 स्कूलों का विलय करने का आदेश जारी किया है। सरकार के अनुसार, छात्र संख्या शून्य होने के कारण इन स्कूलों में संसाधन बर्बाद हो रहे थे। इसके बजाय, इन संसाधनों को अन्य स्कूलों में बेहतर तरीके से उपयोग करने के लिए यह कदम उठाया गया।
स्कूल विलय की प्रक्रिया और प्रशासनिक बदलाव
राज्य सरकार ने इन स्कूलों के विलय के तहत प्रशासनिक संरचना में बदलाव और शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
विलय के बाद, कॉलम संख्या 3 में अंकित स्कूलों का अलग प्रशासनिक अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
इन स्कूलों की सभी कक्षाएं कॉलम संख्या 4 में अंकित स्कूल के अंतर्गत संचालित होंगी।
शिक्षकों की पुनः पदस्थापना
विलय के बाद स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर शिक्षकों के पदों का पुनः निर्धारण किया जाएगा। अधिशेष शिक्षकों को अन्य स्कूलों के रिक्त पदों पर नियमानुसार पदस्थापित किया जाएगा। यह प्रक्रिया राज्य सरकार के दिशा-निर्देश क्रमांक प.5(8) प्राशि/2016 और संशोधित आदेश दिनांक 19.01.21 के अनुसार की जाएगी।
शिक्षा सुधार का उद्देश्य
सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में:
संसाधनों का कुशल प्रबंधन
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार
शैक्षणिक ढांचे को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है।
जोधपुर में 20 स्कूल बंद: विशेष ध्यान केंद्रित
बंद किए गए 190 स्कूलों में से 20 स्कूल जोधपुर जिले से हैं। जोधपुर, अशोक गहलोत का गृह जिला होने के कारण इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में भी चर्चा बटोरी है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम केवल शिक्षा में सुधार के उद्देश्य से लिया गया है।
भविष्य की योजना
सरकार का मानना है कि यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में:
संसाधनों के अनावश्यक व्यय को रोकने में मदद करेगा।
छात्रों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।
शिक्षकों के उचित उपयोग और पदस्थापना सुनिश्चित करेगा।