शोभना शर्मा। राजस्थान के अजमेर जिले के बिजयनगर में हुए रेप-ब्लैकमेल कांड को लेकर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।
यह फैसला जस्टिस महेंद्र गोयल की अदालत ने सुनाया, जहां याचिकाकर्ता शाकिर और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की गई। आरोपियों के मकानों को अतिक्रमण बताकर गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन वकीलों की दलील के बाद कोर्ट ने फिलहाल इस पर रोक लगा दी।
SIT को सौंपी गई जांच, पीड़ित छात्राओं के फिर होंगे बयान
इस जघन्य अपराध की जांच अब SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को सौंप दी गई है। अजमेर रेंज के डीआईजी ओमप्रकाश के निर्देशन में एडिशनल एसपी नेमसिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई है।
SIT टीम ने बताया कि वे केस की गहनता से जांच करेंगी और सभी सबूतों को इकट्ठा कर आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगी। टीम में एडिशनल एसपी ब्यावर, मसूदा सीओ, दो थाना अधिकारी और एक सब-इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है। अब पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों से दोबारा बयान लिए जाएंगे ताकि मामले की गहराई तक जांच की जा सके।
बुधवार रात एक और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 14 आरोपी पकड़े गए
पुलिस ने बुधवार रात एक और आरोपी अमान मंसूरी को गिरफ्तार किया है। अमान पर स्कूली छात्राओं से दोस्ती कर उन्हें मुख्य आरोपियों से मिलवाने का आरोप है।
अब तक इस मामले में कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 10 आरोपी जेल में हैं और 3 नाबालिग बाल सुधार गृह में रखे गए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी नाबालिग छात्राओं को फंसाकर उनका यौन शोषण कर रहे थे और फिर ब्लैकमेल करते थे।
स्कूली छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन, ब्रह्मा मंदिर में सौंपा ज्ञापन
इस जघन्य अपराध के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। पुष्कर में स्कूली छात्राओं ने ब्रह्मा मंदिर तक रैली निकाली और भगवान ब्रह्मा को ज्ञापन सौंपा।
छात्राओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और नारे लिखी तख्तियां लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। इस रैली का आयोजन स्कूल शिक्षा परिवार के संयोजन में हुआ, जिसका नेतृत्व कमल पाराशर ने किया।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को जागरूक करना था ताकि वे इस तरह के अपराधों के खिलाफ आवाज उठा सकें। इस दौरान छात्राओं को यह भी बताया गया कि अगर कोई उन्हें परेशान करे तो वे तुरंत अपने स्कूल प्रशासन और परिजनों को सूचित करें।
आरोपियों के घर गिराने के नोटिस पर हाईकोर्ट की रोक
बिजयनगर नगर पालिका ने आरोपियों के घरों को अतिक्रमण बताकर उन्हें तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया था।
इस पर शाकिर और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि जिन्हें नोटिस दिया गया है, वे आरोपी नहीं हैं। साथ ही, जिन्हें इस केस में आरोपी बनाया गया है, उनके नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं है।
याचिकाकर्ताओं के वकील सैयद सआदत अली ने बहस के दौरान यह तर्क दिया कि बिना संपत्ति को सील किए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किए बिना नोटिस दिया गया है, जो गलत है।
इन दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मकानों को गिराने पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
3 नाबालिगों पर चलेगा बालिगों की तरह ट्रायल
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो के निर्देश के बाद पुलिस और समाज कल्याण विभाग ने तीन नाबालिग आरोपियों पर बालिगों की तरह कोर्ट ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
CO सज्जन सिंह ने बताया कि बाल अपचारियों की 15 पेज की सोशल बैकग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसमें उनकी पारिवारिक स्थिति, निवास स्थान, स्कूल रिकॉर्ड और अन्य गतिविधियों की जांच की जा रही है।
इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि क्या इन नाबालिगों को वयस्क अपराधियों की तरह सजा दी जा सकती है। इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग जिला कलेक्टर कर रहे हैं।
15 फरवरी को सामने आया था मामला
यह मामला 15 फरवरी को तब उजागर हुआ जब एक नाबालिग लड़की ने बिजयनगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
इसके बाद एक और नाबालिग लड़की ने इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई। फिर तीन अन्य लड़कियों के पिता ने भी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दी।
इन लड़कियों का यौन शोषण कर वीडियो बनाया गया था और उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था।
इतना ही नहीं, आरोपियों ने छात्राओं को जबरन धर्मांतरण के लिए विवश किया और उन्हें कलमा पढ़ने, रोजा रखने के लिए मजबूर किया।
इसके बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की।