मनीषा शर्मा। राजस्थान की जयपुर और अजमेर की जीवन रेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध के 2 गेट 2 साल बाद आज सुबह 11 बजे खोले गए। जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने पूजा-अर्चना के बाद बांध के गेट खोले। फिलहाल गेट एक-एक मीटर तक खोले गए हैं, जिससे 13 हजार क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पानी कई राज्यों से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक पहुंचेगा।
बनास नदी किनारे कड़ी सुरक्षा:
बनास नदी के दोनों किनारों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, क्योंकि बांध से छोड़ा गया पानी इस क्षेत्र से होकर गुजरेगा। स्थानीय प्रशासन ने सायरन बजाकर पहले ही लोगों को अलर्ट किया। बीसलपुर बांध से छोड़े गए पानी से करीब 81 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी, जिससे किसान लाभान्वित होंगे।
पहली बार सितंबर में खोले गए गेट:
बीसलपुर बांध के गेट आमतौर पर अगस्त महीने में खोले जाते थे, लेकिन इस बार पहली बार सितंबर में गेट खोले गए हैं। इस प्रक्रिया के लिए अत्याधुनिक स्काडा सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, शाहपुरा और केकड़ी क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद, अन्य बांधों जैसे गंभीरी, जैतपुरा और गोवटा से भी पानी की निकासी जारी है, जो बीसलपुर में जलस्तर को बढ़ा रहा है।
त्रिवेणी नदी का योगदान:
त्रिवेणी नदी के साथ-साथ खारी और डाई नदियों से भी बीसलपुर बांध में पानी का प्रवाह हो रहा है, जिससे जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।