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बीजेपी: 17 जिलाध्यक्ष का चुनाव अटका प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन 5 फरवरी तक

बीजेपी: 17 जिलाध्यक्ष का चुनाव अटका प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन 5 फरवरी तक

मनीषा शर्मा । राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। पार्टी ने 44 जिलों में से 27 जिलों में जिलाध्यक्ष का चुनाव कराने में सफलता प्राप्त की है, लेकिन 17 जिलों में चुनाव अब तक नहीं हो पाए हैं। इन जिलों में चुनाव न होने के पीछे विभिन्न कारण हैं, जिससे पार्टी अब इन जिलों में जिलाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है।

बीजेपी ने अब प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नव निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष ही इन 17 जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्तियां करेंगे। जिन जिलों में चुनाव नहीं हुए हैं, उनमें जयपुर शहर, जयपुर देहात उत्तर, बीकानेर शहर, झुंझूनूं, दौसा, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, जोधपुर उत्तर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बारां, बूंदी और झालावाड़ शामिल हैं।

बीजेपी में प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन की डेडलाइन 5 फरवरी है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी आगे खिसक सकता है। इस पद पर मदन राठौड़ का निर्वाचन तय माना जा रहा है, लेकिन वह संसद सत्र में भाग लेने के लिए अगले दो दिन दिल्ली में रहेंगे।

प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद रहेंगे, लेकिन वे विधानसभा सत्र को लेकर व्यस्त हैं। पार्टी की इच्छा है कि प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन से पहले बकाया जिलों में से दो से तीन जिलाध्यक्ष का निर्वाचन हो जाए। इसके लिए इन जिलों में सहमति बनाई जा रही है।

हालांकि, इस स्थिति में प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन तय डेडलाइन पर होना संभव नहीं लग रहा है। पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, और सभी सदस्यों को इस बात की चिंता है कि चुनाव प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जाए।

बीजेपी के लिए यह समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि संगठनात्मक चुनावों के परिणाम पार्टी की आगामी रणनीतियों और चुनावी तैयारियों पर प्रभाव डाल सकते हैं। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति और प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन पार्टी के भीतर एक नई दिशा तय करेगा, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

इस प्रकार, बीजेपी में जिलाध्यक्षों के चुनाव की स्थिति और प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पर नजर रखना आवश्यक है। पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, और सभी की नजरें इस प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं।

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