मनीषा शर्मा। राजस्थान भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित ‘भाजपा को जानो’ कार्यक्रम में पार्टी के पदाधिकारी सफेद रंग के पटके पहने नजर आए। यह बदलाव सिंगापुर से आए 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के स्वागत के लिए किया गया। पार्टी के पारंपरिक भगवा पटके की जगह सफेद पटके का उपयोग चर्चा का विषय बना हुआ है।
कार्यक्रम में सफेद पटके पर पार्टी का चिह्न कमल का फूल और हिंदी व अंग्रेजी में ‘भाजपा’ लिखा गया था। हालांकि, पार्टी के पदाधिकारियों ने इसे केवल इस विशेष आयोजन का हिस्सा बताया है और किसी राजनीतिक संदेश या पार्टी लाइन से जोड़ने से इनकार किया है।
क्या है सफेद पटके का कारण?
पार्टी पदाधिकारियों ने सफेद पटके को विदेशी प्रतिनिधिमंडल के स्वागत के लिए विशेष रूप से तैयार कराए गए फैशनेबल दुपट्टे के रूप में प्रस्तुत किया।
- पंकज मीणा (प्रदेश मीडिया सहसंयोजक): यह बदलाव केवल इस कार्यक्रम तक सीमित है। पटके पर भगवा रंग, कमल का फूल और ‘भाजपा’ लिखा हुआ है।
- नरेंद्र कटारा (प्रदेश प्रवक्ता): बदलाव का कारण स्पष्ट नहीं, लेकिन यह पटका सुंदर और विशेष अवसर के लिए उपयुक्त लग रहा है।
सांगानेरी प्रिंट में दिखे कुछ पदाधिकारी
कार्यक्रम में कुछ भाजपा पदाधिकारी पारंपरिक सांगानेरी प्रिंट वाले पटके पहने नजर आए। ये neither भगवा पटके थे और न ही नए सफेद पटके। यह विविधता भी चर्चा का विषय रही।
क्या यह भगवा से दूरी का संकेत है?
हालांकि, यह बदलाव एक विशेष आयोजन के लिए किया गया बताया गया है, लेकिन इससे सवाल उठना स्वाभाविक है:
- क्या पार्टी अपनी पारंपरिक छवि में बदलाव कर रही है?
- क्या यह युवा और प्रगतिशील दृष्टिकोण दिखाने का प्रयास है?
पार्टी पदाधिकारियों ने इन सवालों से बचते हुए इसे सिर्फ फैशन और प्रतिनिधिमंडल की संवेदनशीलता के लिए उठाया गया कदम बताया है।
सफेद पटके का डिजाइन और महत्व
सफेद पटके का डिजाइन खासतौर पर इस आयोजन के लिए तैयार किया गया था। इसमें:
- भगवा रंग में कमल का फूल: पार्टी की पहचान को बरकरार रखा गया।
- हिंदी-अंग्रेजी में ‘भाजपा’: इसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के लिए अनुकूल बनाया गया।
- फैशनेबल और आधुनिक: इसे पारंपरिक भगवा दुपट्टे से थोड़ा अलग दिखाने की कोशिश की गई।
भाजपा की छवि पर चर्चा
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बदलाव को ज्यादा बड़ा संकेत मानना उचित नहीं है। भाजपा का भगवा रंग पार्टी की विचारधारा और पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन विशेष आयोजनों में इस तरह के बदलाव किसी नई रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं।
भाजपा की प्रतिक्रिया
राजस्थान भाजपा ने इस बदलाव को केवल एक विशेष पहल बताया है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि इसका केंद्रीय नेतृत्व से कोई संबंध नहीं है और भगवा पार्टी की पहचान का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा।
क्या कहता है यह बदलाव?
यह परिवर्तन भाजपा के स्थानीय आयोजनों में प्रयोगवाद और नए दृष्टिकोण को दिखाता है। लेकिन, पार्टी के मुख्य विचार और रंग (भगवा) से दूरी बनाने का कोई संकेत अभी तक स्पष्ट नहीं है।